नाबार्ड वित्त पोषित योजना के अंतर्गत मार्गों का किया जा रहा है चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल दिशा निर्देशन में जहां प्रदेश में विभिन्न योजनाओं के तहत सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है ,वही नाबार्ड वित्त पोषित योजना के अंतर्गत मजरो व बसावटों को संपर्क मार्गों से जोडऩे तथा जिला मार्गों व अन्य प्रमुख मार्गों के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार लोक निर्माण विभाग वित्तीय वर्ष 2017-18 में आरआईडीएफ- 23 योजना के अंतर्गत 326 मजरो एवं बसावटो को जोडऩे के लिए रू0 358 करोड़ लागत के कार्य स्वीकृत किए गए। वित्तीय वर्ष 2018-19 में आरआईडीएफ -24 योजना के अंतर्गत 620 मजरो एवं बसावटों को जोडऩे के लिए 492 करोड़ तथा 31 प्रमुखध् अन्य मार्गों के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु रू0 850 करोड़ लागत के कार्य स्वीकृत किए गए तथा वित्तीय वर्ष 2019- 20 में आरआईडीएफ- 25 योजना के अंतर्गत 230 मजरों एवं बसावट को जोडऩे के लिए 232 करोड़ तथा 38 प्रमुख ध्अन्य जिला मार्गो के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु 688 करोड की लागत के कार्य स्वीकृत किए गए। स्वीकृत कार्यों में से 684 ग्रामों ध्बसावटो को सर्वरितु मार्गो से जोड़ते हुए 1074 किलोमीटर लंबाई में मार्गों का नवनिर्माण किया गया ।इसी प्रकार 12 प्रमुखध् अन्य जिला मार्गो का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य पूर्ण करते हुए 146 किलोमीटर लंबाई में मार्ग निर्माण किया गया। वर्ष 2020-21 की शेष अवधि में लगभग 300कार्य पूर्ण किए जाने हेतु प्रस्तावित हैं। वर्ष 2020-21 में 181 मजरो एवं बसावटों को जोडऩे के लिए रू0218 करोड़ तथा 37 प्रमुखध् अन्य जिला मार्ग के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु रू01093 करोड़ लागत के आगणन शासन को भेजे गए हैं। इस वर्ष की शेष अवधि मे 627 मजरों एवं बसावटों को जोडऩे के लिए आगणन एवं 119 प्रमुखध् जिला मार्गो के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु आगणन शासन को प्रेषित किए जाने हेतु प्रस्तावित हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिन योजनाओं पर कार्य चल रहा है, उन्हें ससमय पूरा किया जाए तथा जो प्रक्रियात्मक कार्रवाई की जानी है, वह भी चरणबद्ध तरीके से शीघ्र से शीघ्र पूरी की जाए।