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नहीं किया यह काम तो चुनाव लड़ना होगा मुश्किल

वोटर लिस्ट जारी हो जाने के बाद अब नजरें आरक्षण सूची पर टिकीं हैं। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन भी अपनी तरफ से पूरी तैयारियां कर रहे हैं। वहीं अब इंतजार चुनाव की अधिसूचना जारी होने की है। तारीखों के ऐलान से पहले कई जिलों में स्थानीय पुलिस प्रशासन की नजरें चुनाव की तैयारी कर रहे दावेदारों के समर्थकों पर भी है।

पुलिस का मानना है कि समर्थक ज्यादा बवाल करते हैं। ऐसे में कई जिलों में पुलिस ने होने वाले उम्मीदवारों के समर्थकों की सूची तलब करने के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि नामांकन के बाद उम्मीदवार अपने 20 समर्थकों की सूची थाना पुलिस को देंगे। संबंधित क्षेत्र के अधिकारी इन समर्थकों का सत्यापन करने के साथ इनके संपर्क में रहेंगे। उम्मीदवार के चुनाव प्रक्रिया प्रभावित करने पर समर्थकों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। कन्नौज के एएसपी विनोद कुमार ने बताया कि  उम्मीदवारों को इस बार अपने समर्थकों के भी नाम पुलिस को देने होंगे। कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के समर्थकों की सूची तलब करने के निर्देश दिए हैं।

30 अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी :

पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्षता के साथ संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने सभी तैयारियों का खाका खींच लिया है। चुनाव से संबंधित सभी तैयारी और व्यवस्थाओं को पूरा कराने के लिए अमरोहा में 30 अधिकारियों को प्रभारी अधिकारी और सहायक प्रभारी अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा जिले जोन और सेक्टरों में बांटने की कवायद शुरू हो गई है। प्रत्येक सेक्टर में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम रहेंगे। पंचायत चुनाव मार्च-अप्रैल में प्रस्तावित माने जा रहे हैं। जिसके चलते चुनाव की तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है। प्रशासनिक अमला चुनाव कराने की तैयारी में जुटा है। वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन हो चुका है। बूथों की सूची फाइनल हो गई है। चुनाव में ड्यूटी लगाने के लिए अधिकारी कर्मचारियों का डाटा फीड किया जा चुका है ।

चुनाव की सभी तैयारियों को पूरा कराने के लिए 30 अधिकारियों को प्रभारी अधिकारी और सहायक अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है । इसके अलावा जिले को जोन और सेक्टर में भी जल्द बांटा जाएगा। इसकी कवायद शुरू हो गई है। मतदान केंद्रों को संवेदनशील, अतिसंवेदनशील क्रिटिकल की श्रेणी में बांटने का कार्य शुरू हो गया है। पूर्व चुनाव का रिकार्ड खंगाला जा रहा है। जिन बूथों पर मतदान के दौरान विवाद हुआ था, उन बूथों को संवेदनशील की श्रेणी में रखा जाएगा। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील गांवों को चिंहि्त कराया जा रहा है। जहां मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम रहेंगे।

पंचायत चुनाव को लेकर गांव की राजनीति गरमाने लगी है। गांवों में पार्टी बाजी शुरू हो गई है। देर शाम तक गांवों में बैठकों का दौर जारी रहता है। भावी उम्मीदवार चुनाव लड़ने के लिए कमर कस कर मैदान में उतर आए हैं । वोटरों को साधने के लिए चुनावी भूमिका बना रहे हैं।

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