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नरेंद्र मोदी कोई जिल्लेइलाही नहीं, जिनके खिलाफ आंदोलन ना हो – ओवैसी

लोकसभा में हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को विदेश नीति, किसान आंदोलन और अल्पसंख्यकों के मुद्दों को लेकर केंद्र की सरकार को घेरा। लोकसभा में बोलते हुए ओवैसी ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर सरकार फेल है। आंदोलन करने वालों को आंदोलनजीवी कहा जा रहा है, क्या पीएम खुद को बादशाह मानते हैं। लोकतंत्र में तो आंदोलन होंगे और पीएम से जवाब मांगे जाएंगे। पीएम ये ना समझें कि ये कोई जिल्लेइलाही या जांहनपनाह का दौर है, जहां सत्ता से सवाल ना हो। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बोलते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि चीन का नाम लेने में पीएम मोदी डरते हैं। चीन की फौज ने अरुणाचल में गांव बसा लिया लेकिन सरकार किसानों के धरनास्थलों के इर्दगिर्द फौजें लगा रही हैं। ये सरकार चीन से किसान और किसान से चीन की तरह बर्ताव कर रही है। ओवैसी ने कहा, चीन सरहद पर अपना इंफ्रास्ट्रक्चर और अपनी फौज को बढ़ा रहा है। मैं सरकार से जानना चाहता हूं कि जब बर्फ पिघल जाएगी तब के लिए क्या तैयारी कर रहे हैं। ओवैसी ने सवाल किया कि आखिर क्या डर है कि सरकार और खासकर प्रधानमंत्री चीन का नाम लेने से डरते हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि जब पीएम अपना रिप्लाई देंगे तो चीन का नाम लेंगे। विदेशी हस्तियों के किसान आंदोलन पर दिए बयानों को लेकर ओवैसी ने कहा कि कोई ईना मीना डीका ट्वीट करती है तो सारी सरकार खड़ी हो जाती है लेकिन चीन पर कोई नहीं बोलता। विदेश नीति के मामले में ये सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है। अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका जैसे देशों से हमारे संबंध बेहद खराब हो चुके हैं। सरकार विदेश नीति पर सो रही है। कश्मीर में फर्जी एनकाउंटरों किए जाने की बात भी ओवैसी ने उठाई। साथ ही अल्पसंख्यकों की योजनाओं पर सरकार के ध्यान ना देने की बात भी उन्होंने उठाई।

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