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नरसिंह पर 4 साल का बैन, मां ने बताया साजिश-बहन ने मोदी से मांगी मदद: #Rio
वाराणसी.ओलंपिक में भारत के लिए कुश्ती में मेडल की उम्मीद माने जा रहे रेसलर नरसिंह यादव पर डोपिंग के केस में 4 साल का बैन लगा है। इससे उनका परिवार काफी आहत है। नरसिंह की मां भुलना देवी का कहना है कि उनका बेटा साजिश का शिकार हुआ है। वहीं, उनकी बहन ने पीएम मोदी से सपोर्ट के लिए अपील के साथ नरसिंह पर लगे बैन को हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनका भाई जरूर गोल्ड जीतेगा।
ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण
– वहीं, राष्ट्रीय कुश्ती संघ के प्रेसिडेंट बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले प्लेयर को अचानक बैन कर दिया गया।
(CAS) ने सुनाया फैसला
– बता दें, शुक्रवार को ब्राजील की कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्टस (CAS) ने यह फैसला सुनाया।
– ऐसे में अब नरसिंह रियो ओलिंपिक में नहीं खेल सकेंगे। उनको अगर क्लीन चिट मिलती तो वे आज ही 74 किलोग्राम कैटेगरी में अपना मुकाबला खेलने वाले थे।
– ऐसे में अब नरसिंह रियो ओलिंपिक में नहीं खेल सकेंगे। उनको अगर क्लीन चिट मिलती तो वे आज ही 74 किलोग्राम कैटेगरी में अपना मुकाबला खेलने वाले थे।
चार घंटे चली बहस, नाडा की अपील खारिज…
– बता दें कि वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) ने नरसिंह यादव को क्लीन चिट दिए जाने के फैसले पर नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) के खिलाफ CAS में अपील दायर की थी।
– इस पर CAS में करीब चार घंटे लंबी बहस चली, जिसके बाद नरसिंह पर चार साल का बैन लगा दिया गया।
– केस ने नाडा के फैसले को मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने फैसला सुनाया कि उनके खाने-पीने में मिलावट की बात सही नहीं है।
– कोर्ट ने नरसिंह के उस तर्क को भी मानने से इनकार कर दिया कि उनके साथ साजिश हुई है, क्योंकि इसे साबित करने के लिए नरसिंह के पास कोई सबूत नहीं है।
– इसी तर्क को देखते हुए नाडा ने उन्हें ओलिंपिक में हिस्सा लेने की इजाजत दी थी।
– इस पर CAS में करीब चार घंटे लंबी बहस चली, जिसके बाद नरसिंह पर चार साल का बैन लगा दिया गया।
– केस ने नाडा के फैसले को मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने फैसला सुनाया कि उनके खाने-पीने में मिलावट की बात सही नहीं है।
– कोर्ट ने नरसिंह के उस तर्क को भी मानने से इनकार कर दिया कि उनके साथ साजिश हुई है, क्योंकि इसे साबित करने के लिए नरसिंह के पास कोई सबूत नहीं है।
– इसी तर्क को देखते हुए नाडा ने उन्हें ओलिंपिक में हिस्सा लेने की इजाजत दी थी।