main slideउत्तर प्रदेश
धांधली की मिली थी शिकायत, पंचायती राज विभाग की 55,554 भर्तियों पर रोक
लखनऊ.तमाम आरोपों के बाद यूपी में पंचायती राज विभाग में हो रही 55,554 भर्तियों पर रोक लगा दी गई है। दरअसल, भर्तियों में धांधली की शिकायत मिली थी। इसके बाद रोजगार सेवकों के 36 हजार पद और अन्य 19,554 पदों पर होने वाली भर्तियों पर रोक लगा दी गई है।
पंचायती राज विभाग के निर्देशन में 36 हजार रोजगार सेवकों के पदों के अलावा पंचायत सहायक 8,135 और न्याय पंचायत स्तर पर 8,135 चौकीदार, क्षेत्र पंचायतों में जेई सिविल 1,642, एकाउंटेंट 821 और 82 कम्प्यूटर ऑपरेटर पर भर्ती होनी थी।
क्या है आरोप
इन भर्तियों के लिए आवेदन से लेकर नियम तक ऑनलाइन और पारदर्शी होने थे, लेकिन आरोप है कि भर्तियों के नाम पर वसूली की जा रही थी। यही नहीं, बिना कोई प्रक्रिया अपनाए नोडल एजेंसियां भर्तियां भी शुरू कर दी थी। इसकी शिकायत मिलने के बाद भर्तियां रद्द कर दी गई।
एजेंसियों के चयन में भी धांधली
यही नहीं, जिस एजेंसी को भर्ती प्रक्रिया कराने के लिए चुना गया है, उसमें भी धांधली की गई है। आरोप है कि मनचाही एजेंसियों के चयन के लिए आखिरी समय में नियमों में बदलाव किए गए। इसके आधार पर कुछ कंपनियों ने फर्जी कागजात लगाकर चयन प्रक्रिया में हिस्सा भी लिया। ऐसे में गलत जानकारी देने वाली एजेंसियों का सिलेक्शन भी कर लिया गया। शिकायतें ये भी आ रही थीं कि कई एजेंसियों ने नौकरी देने से पहले ही आवेदकों से 6 से 7 महीने के मानदेय की रकम एडवांस मांग ली थी।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव चंचल तिवारी का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, मंत्री राजकिशोर सिंह ने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही सभी भर्तियों पर रोक लगा दी गई है। अब मामले की जांच के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।