धर्म - अध्यात्म

धतूरे के पौधे के कई हिस्सों से बनाई जाती हैं आयुर्वेदिक औषधि

महाशिवरात्रि : आज बड़े ही धूमधाम से महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जा रहा है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. माना जाता है कि आज के दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी दुखों का नाश होता है. भोले बाबा के भक्त शिवजी को खुश करने और अपनी मंगलकामनाएं पूरी करने के लिए उन्हें दूध, बेलपत्र और भांग चढ़ाते हैं. इसके अलावा शिवरात्रि के दिन महाकाल को धतूरा जरूर चढ़ाया जाता है. धतूरे का भोग लगाने से जहां भगवान शिव जीवन के दुख हर लेते हैं, वहीं यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है. ऐसे में महाशिवरात्रि के इस पावन पर्व पर जानते हैं कि धतूरे का फल कितने फायदे देता है.
धतूरे के पौधे के कई हिस्सों से आयुर्वेदिक औषधि बनाई जाती हैं जो शरीर के कई कष्टों का निवारण करती है हालांकि आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह के बिना इसका इस्तेमाल करना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है.धतूरा एक जहरीला पौधा होता है जिसका शोधन किए बिना या ज्यादा मात्रा में सेवन करने पर जान भी जा सकती है.
धतूरे के फल में एंटीऑक्सीडेंट्स, फ्लेवोनॉइड्स, विटामिन सी, नियासिन आदि पोषक तत्व कूट-कूटकर भरे होते हैं. अस्थमा, सांस संबंधी समस्याओं आदि से परेशान लोगों के लिए धतूरा फायदेमंद हो सकता है. इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, जो खांसी, अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस आदि समस्याओं से राहत दिलाते हैं.
धतूरे का फल दिल को हेल्दी रखने में भी मदद करता है. यह दिल की मसल्स को मजबूत बनाने, खून में कोलेस्ट्रॉल को कम करने आदि में मदद करता है.धतूरे में मौजूद विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स सन डैमेज से स्किन को बचाते हैं. साथ ही उम्र बढ़ने के लक्षणों जैसे झुर्रियां, फाइन लाइन, डार्क सर्कल आदि से बचाव प्रदान करते हैं.
इम्यून सिस्टम के लिए भी धतूरे को लाभदायक माना गया है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स इम्युनिटी को बूस्ट करके संक्रमणों से बचाव प्रदान करते हैं.माइग्रेन की समस्या के लिए धतूरा उत्तम औषधि है. यह नसों की इंफ्लामेशन व दर्द से राहत दिलाता है.इसके अलावा धतूरे को राहु का कारक माना गया है, इसलिए भगवान शिव को धतूरा अर्पित करने से राहु से संबंधित दोष जैसे कालसर्प, पितृदोष दूर हो जाते हैं.

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