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दुधवा में मिली दुर्लभ प्रजाति की वनस्पति

लखनऊ। दुधवा टाइगर रिजर्व में वन विभाग की टीम को अत्यन्त दुर्लभ प्रजाति की वनस्पति मिली है। इस दुर्लभ प्रजाति को सामान्यत’: ‘ग्राउण्ड आर्किड के नाम से जाना जाता है जिसका वानस्पतिक नाम ‘यूलोफिया आब्ट्यूसा है। यह आर्किड की एक प्रजाति है और आर्किड परिवार का सदस्य है। इस दुर्लभ वनस्पति को दुनिया के विभिन्न देशों के मध्य संकटग्रस्त या विलुप्त प्राय वनस्पतियों और जीव जन्तुओं के अन्तराष्ट्रीय व्यापार के लिए बनी सभा साइटिस की अनुसूची-2 में रखा गया है। आईयूसीएन (अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ) की रेड डाटा लिस्ट में भी इसे संकटग्रस्त एवं विलुप्त होती प्रजातियों की श्रेणी में रखा गया है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि दुधवा टाइगर रिजर्व के क्षेत्रों में घास के मैदानों के अनश्रवण कार्य में लगी टीम के सदस्यों को इस दुर्लभ प्रजाति को खोजने का श्रेय जाता है।

टीम में दुधवा रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय कुमार समेत कतर्नियाघाट फाउण्डेशन के सदस्य फजलुर रहमान और समन्वयक डा. मुदित गुप्ता के साथ-साथ विश्व प्रकृति निधि के सदस्य यश पाठक व भारत शामिल थे। प्रवक्ता ने बताया कि इस वनस्पति को देखे जाने के संबंध में पुराने रिकार्ड में उत्तरी भारत एवं नेपाल में इसके पाने का उल्लेख मिलता है। हालांकि वर्तमान में इसके भारत या नेपाल में पाए जाने के कोई विश्वसनीय प्रमाण उपलब्ध नहीं है। इंग्लैण्ड के क्यू हर्बेरियम के 1902 के संग्रह में इसे अत्यन्त ही दुर्लभ प्रजाति की वानस्पति बताया गया है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस खोज की जानकारी के बाद बांग्लादेश स्थित ढ़ाका के उत्तर-दक्षिण विश्वविद्यालय के पर्यावरणीय विज्ञान एवं प्रबन्धन विभाग के वनस्पति शास्त्री मोहम्मद शरीफ हुसैन ने जर्मनी से दुधवा के फील्ड डायरेक्टर को फोन कर ‘यूलोफिया आब्ट्यूसा की खोज पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा है कि इस वनस्पति के फल के बारे में कहीं उल्लेख नहीं मिलता जबकि स्थानीय लोगों द्वारा बताया गया है कि ‘यूलोफिया आब्ट्यूसा में फल लगते हुए उन लोगों ने स्वयं देखा है। मो. शरीफ ने अनुरोध किया है कि ‘यूलोफिया आब्ट्यूसा का संरक्षण किया जाए और जैसे ही इसमें फल आए तो उसे सुरक्षित रखा जाए।

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