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दिल्ली विश्वविद्यालय ने शोधार्थियों और संकाय सदस्यों के लिए चार और पुस्तकालय खोले

 

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने शोधार्थियों और संकाय सदस्यों को अपने परिसर में स्थित चार और पुस्तकालयों का इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है। डीयू कोविड-19 महामारी के बीच अपने परिसर को चरणबद्ध तरीके से खोल रहा है। विश्वविद्यालय ने पिछले महीने ‘सेंट्रल लाइब्रेरी’ का इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी थी। इसके बाद पीएचडी/एमफिल के छात्रों एवं संकाय के सदस्यों को सेंट्रल साइंस लाइब्रेरी, रतन टाटा पुस्तकालय, दक्षिण दिल्ली परिसर पुस्तकालय और विधि संकाय पुस्तकालय के उपयोग की भी सोमवार को इजाजत दे दी। डीयू ने कहा कि आंगतुकों और संकाय सदस्यों को पुस्तकालय आने से पहले पंजीकरण कराना होगा। विश्वविद्यालय ने एक नोटिस में कहा, ” दिल्ली विश्वविद्यालय पुस्तकालय प्रणाली (डीयूएलएस) के तहत पुस्तकालय सुविधाएं चरणबद्ध तरीके से उपलब्ध होंगी। पहले चरण में सिर्फ वास्तविक संकाय सदस्य, पीएचडी/एमफिल के शोधार्थी को पुस्तकालय पठन कक्ष सुविधा का इस्तेमाल करने की अनुमति होगी। पठन कक्ष सुविधा सोमवार से शुक्रवार सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक ही उपलब्ध होगी।” आगंतुकों को पुस्तकालय आने से पहले लाइब्रेरियन से ई-मेल के जरिए अनुमति लेनी होगी। नोटिस में कहा गया है कि सेंट्रल लाइब्रेरी के लिए, शोध मंजिल के सभी पठन कक्ष और भूतल पर तीन कक्ष आंगतुकों के लिए उपलब्ध रहेंगे जबकि सेंट्रल साइंस लाइब्रेरी के लिए पहली मंजिल पर दो पठन कक्ष आंगतुकों के लिए मुहैया रहेंगे। दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स में स्थित रतन टाटा पुस्तकालय में भूतल पर स्थित पठन हॉल और पहली मंजिल पर पत्र-पत्रिका खंड खुला रहेगा। नोटिस में कहा गया है कि दक्षिण दिल्ली परिसर पुस्तकालय की सभी मंजिलें शोधार्थियों के लिए उपलब्ध रहेंगी जबकि विधि संकाय पुस्तकालय में भूतल पर स्थित पठन हॉल और पहली मंजिल आंगतुकों के लिए उपलब्ध रहेंगी। पुस्तकालय अपने सदस्यों को किताब लेने और वापस करने की इजाजत देगा तथा कोविड-19 महामारी की अवधि में पुस्तक को देरी से वापस करने पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। विश्वविद्यालय ने किताबों की देखरेख करने वाले अपने कर्मियों को दस्ताने पहनने की सलाह दी है। आंगतुकों को भी निर्देश दिया गया है कि वे दस्ताने और सैनिटाइजर साथ रखें तथा एक-दूसरे से दूरी का पालन करें। नोटिस में कहा गया है कि जो आंगतुक या कर्मी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। डीयू ने एक फरवरी से अपना परिसर और कॉलेज अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए खोलने का ऐलान किया था। पिछले साल मार्च में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए समूचे देश में स्कूल, कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों को बंद कर दिया गया था।

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