दरिंदे को मृत्युदंड !!
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में लिखा कि समाज में बालिकाओं की सुरक्षा सर्वोपरि है। आरोपी ने जघन्य व बर्बर कृत्य किया है। जस्टिस साधना जाधव व जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ ने एक विशेष पोक्सो कोर्ट द्वारा मार्च 2019 में आरोपी रामकिरत गौड को सुनाई गई फांसी की सजा की पुष्टि की। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह कृत्य इंसान की आत्मा को झकझोरने वाला है और दुर्लभ से दुर्लभतम मामलों की श्रेणी में आता है। हाईकोर्ट ने कहा, ‘यह अकल्पनीय है कि अपने पालतू पिल्लेके साथ मस्ती करने वाला एक हंसमुख, खिलखिलाता बच्चा एक ऐसे आदमी में वासना की भूख भड़काएगा, जो खुद दो बेटियों और एक बेटे का पिता है।आरोपी के मन की विकृति स्पष्ट दिखाई दी। कोर्ट ने खुद निजी तौर पर उससे बात की और पाया कि उसे अपने किए का कोई पछतावा नहीं है। ‘ आरोपी गौड महाराष्ट्र के ठाणे जिले में स्थित उसी बिल्डिंग का चौकीदार था, जिसमें पीड़ित बच्ची व उसका परिवार रहता था। उसने सितंबर 2013 में मासूम के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी थी। मासूम का शव बाद में समीप के एक तालाब में मिला था।