त्रिपुरा से लगे बांग्लादेश बॉर्डर से भारत लाई जाती थीं रोहिंग्या युवतियां
लखनऊ. रोहिंग्या मुस्लिम युवतियों की अवैध तरीके से ट्रैफिकिंग मामले में गिरफ्तार तीनों आरोपी आज यानी गुरुवार से सात दिन के लिए एटीएस की कस्टडी रिमांड में रहेंगे. एटीएस स्पेशल कोर्ट के जज योगेंद्र राम गुप्ता ने एटीएस की रिमांड अर्जी पर बुधवार को आरोपी नूर मोहम्मद, रहमतुल्लाह और शबीउल्लाह को सात दिन के लिए एटीएस की कस्टडी रिमांड पर भेजने का आदेश दिया. इससे पहले एटीएस की ओर से कोर्ट में दाखिल रिमांड अर्जी में ट्रैफिकिंग के पूरे नेटवर्क का हवाला देते हुए रिमांड के दौरान आरोपियों को मेरठ, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, हैदराबाद और जम्मू- कश्मीर ले जाकर ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़े लोगों की पहचान कराई जाएगी.
यही नहीं, रिमांड के दौरान उन लोगों को भी पहचाना जाएगा जो इन अवैध रोहिंग्या मुस्लिमों की भारतीय आईडी बनवाते हैं. इस ह्यूमन ट्रैफिकिंग के नेटवर्क में और कौन कौन से लोग जुड़े हैं, उनका उद्देश्य क्या है, यह सब पता किया जाएगा.
रोहिंग्या युवतियों को त्रिपुरा से लगे बांग्लादेश बॉर्डर से भारत में लाने की बात सामने आई है. कस्टडी रिमांड के दौरान आरोपियों को बांग्लादेश बॉर्डर ले जाकर उस जगह की भी पहचान कराई जाएगी, जहां से रोहिंग्या युवतियों को भारत में लाया गया. सूत्रों के मुताबिक, एक लड़की का सौदा 20 हजार में रुपये में नूर मोहम्मद ने रहमतुल्लाह और इस्माईल से किया था. वहीं गिरफ्तार शबीउल्लाह पहली बार बांग्लादेश के जरिए भारत आया था. गिरफ्तार रहमतुल्लाह का भाई है शबीउल्लाह. अब कस्टडी रिमांड के दौरान एटीएस इन आरोपियों को जम्मू और हैदराबाद लेकर जाएगी और अवैध रोहिंग्या मुस्लिम के पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जाएगा.
बता दें कि मंगलवार को यूपी एटीएस ने गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से बांग्लादेशी युवक नूर मोहम्मद, अवैध रोहिंग्या मुस्लिम रहमतुल्लाह और शबीउल्लाह को गिरफ्तार करते हुए रोहिंग्या मुस्लिम लड़कियों की ट्रैफिकिंग का खुलासा किया था. गिरफ्तार आरोपियों के साथ दो नाबालिग रोहिंग्या मुस्लिम लड़कियां और एक नाबालिग रोहिंग्या लड़का भी था. रोहिंग्या मुस्लिम लड़कियों को जम्मू और हैदराबाद में बेचने की तैयारी इस गिरोह ने की थी. रिमांड के दौरान आरोपियों के मोबाइल और बैंक खातों की विस्तृत पड़ताल के बाद आरोपियों से पूछताछ होगी.