तूफान के कारण उत्तर भारत में २० तारीख तक रुक रुक कर अंधी व बारिश की संभावना

लखनऊ: महाराष्ट्र तथा अन्य पश्चिमी तटीय इलाकों में कहर ढा रहे चक्रवाती तूफान ‘ताउ-ते’ का असर उत्तर भारत में भी दिखाई देना शुरू हो गया है. मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों में बारिश होने की संभावना है.
लखनऊ में आंचलिक मौसम केंद्र के निदेशक जे पी गुप्ता ने बताया कि चक्रवाती तूफान ‘ताउ-ते’ की वजह से 19 मई को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि अगले 24 घंटों के दौरान कुछ स्थानों पर तेज हवा और धूल भरी आंधी भी चलेगी. इस तूफान के साथ साथ पश्चिमी विक्षोभ भी अपना असर दिखाएगा. जिसकी वजह से बारिश का सिलसिला 20 मई तक जारी रहने का अनुमान है.
मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटों में राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और बूंदाबांदी हुई. इस अवधि में गोरखपुर मंडल में दिन के तापमान में खासी बढ़ोत्तरी हुई. गोरखपुर, प्रयागराज, बरेली तथा मेरठ मंडलों में अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई. इस दौरान बांदा राज्य का सबसे गर्म स्थान रहा, जहां अधिकतम तापमान 42.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
उधर भीषण चक्रवाती तूफान ‘ताउ-ते’ सोमवार रात में गुजरात तट से आ टकराया. इस दौरान हवा 185 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल रही हैं. इससे पहले चक्रवात की वजह से मुंबई में भी भारी वर्षा हुई. गुजरात में चक्रवात पहुंचने पर करीब 1.5 लाख से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा. वहीं इसके चलते मुंबई में दो नौकाएं तट से दूर अरब सागर में चली गई हैं जिन पर 410 लोग सवार हैं.
गुजरात में हालात से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की 54 टीमें तैनात की गई हैं. एक अधिकारी ने कहा कि चक्रवात ‘ताउ-ते’ को देखते हुए पोरबंदर सिविल अस्पताल से 17 कोरोना रोगियों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट कर दिया गया.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने तटीय जिलों के कलेक्टरों के साथ बैठक कर हालात का जायजा लिया. बैठक के बाद उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह राज्य सरकार के संपर्क में हैं. उन्होंने हर संभव मदद का भरोसा दिया है. सेना, नौसेना और वायुसेना को जरूरत पड़ने पर प्रशासन की सहायता के लिए तैयार रहने को कहा गया है.
बताते चलें कि गुजरात में 9 जून, 1998 को आए एक बड़े चक्रवात से बड़ा नुकसान हुआ था. उस चक्रवात में कांडला बंदरगाह शहर में बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुई थीं. आधिकारिक आंकड़ों में ब मरने वालों की संख्या 1,173 बताई थी, जबकि 1,774 लापता हो गए थे. वहीं एक प्रमुख समाचार पत्रिका ने तब दावा किया था कि इसमें कम से कम 4,000 लोग मारे गए थे और अनगिनत लापता हो गए थे क्योंकि शव समुद्र में बह गए थे.
उधर भारतीय नौसेना ने सोमवार को मुंबई तट पर दो नौकाओं पर सवार 410 लोगों को बचाने के लिए संदेश मिलने के बाद अपने तीन अग्रिम पंक्ति के युद्धपोत आईएनएस कोलकाता, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस तलवार को तैनात किया है. नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मढवाल ने कहा, ‘बॉम्बे हाई इलाके में हीरा ऑयल फील्ड्स तट से नौका ‘पी 305’ के दूर जाने की सूचना मिलने पर आईएनएस कोच्चि को बचाव एवं तलाश अभियान के लिए रवाना किया गया. नौका पर 273 लोग सवार थे.’ ऑयल फील्ड मुंबई से करीब 70 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में है.
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नौसेना के अधिकारी ने बताया, ‘मुंबई से आठ समुद्री मील की दूरी पर स्थित नौका जीएएल कंस्ट्रक्टर से एक अन्य त्राहिमाम संदेश मिला जिस पर 137 व्यक्ति सवार हैं. इसके बाद आईएनएस कोलकाता को सहायता के लिए भेजा गया है.’ मुंबई में नौसेना के एक प्रवक्ता ने रात में कहा कि खराब मौसम के बीच बजरा 305 पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है.
भारतीय तटरक्षक बल ने कहा कि उसने 16 मई की रात को चक्रवात के कारण अशांत समुद्र के बीच कोच्चि तट से लगभग 35 समुद्री मील दूर फंसे 12 मछुआरों को बचाया.
चक्रवात ताउ-ते के उत्तर में गुजरात की ओर बढ़ने के साथ ही महाराष्ट्र और गोवा के तटीय क्षेत्रों में तेज हवाएं चलने के साथ ही भारी वर्षा और समुद्र में ऊंची लहरें उठी. निकाय अधिकारियों ने बताया कि मुंबई में सोमवार दोपहर में 114 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं, क्योंकि चक्रवाती तूफान मुंबई तट के करीब से गुजरा. आईएमडी मुंबई की वरिष्ठ निदेशक शुभांगी भूटे ने कहा कि दोपहर में कोलाबा वेधशाला में हवा की गति सबसे अधिक 108 किमी प्रति घंटे दर्ज की गई.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को चक्रवाती तूफान के मद्देनजर मुंबई, ठाणे और राज्य के अन्य तटीय जिलों के हालात का जायजा लिया. मुंबई में भारी बारिश हो रही है. इसकी वजह से 12,000 से अधिक नागरिकों को तटीय क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है. इनमें रायगढ़ जिले में 8,380, रत्नागिरि में 3,896 और सिंधुदुर्ग जिले में 144 लोग शामिल रहे.