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तीसरे विश्व युद्ध की आशंका !!

यूक्रेन पर रूस के हमले से विनाशकारी युद्ध का संकट मंडराने लगा है। इससे तीसरे विश्व युद्ध की आशंका भी जताई जा रही है। अमेरिका के साथ ही नाटो देशों में तनाव बढ़ा तो इससे कहीं ज्यादा भयावह हालात बन सकते हैं। इससे पहले दो विश्व युद्ध हो चुके हैं।

आइए जानते हैं क्या थी इनकी वजह और कैसे बदतर हुए हालात:

90 लाख ने जान गंवाई

पहला विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक चला। इस दौरान 90 लाख से ज्यादा लोग मारे गए, जिनमें 50 लाख से अधिक आम नागरिक थे। 11 नवंबर 1918 को जर्मनी के आत्मसमर्पण के साथ ही विश्व युद्ध खत्म हुआ था।

सात करोड़ लोग मारे गए

दूसरा विश्व युद्ध 1 सितंबर 1939 से 2 सितंबर 1945 तक चला था। इसमें 10 करोड़ सैनिक शामिल हुए और 7 से 8.5 करोड़ लोग मारे गए। दूसरे विश्व युद्ध में भी भारतीय सैनिक ब्रिटेन की सेना के तौर पर युद्ध में शामिल हुए थे।

राजकुमार की हत्या से छिड़ा था पहला विश्व युद्ध

28 जून 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी के सिंहासन के उत्तराधिकारी आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की बोस्निया में एक सर्बियाई ने गोली मारकर हत्या कर दी। ऑस्ट्रिया ने इस घटना के लिए सर्बिया को जिम्मेदार ठहराया और 48 घंटे में पक्ष रखने को कहा, लेकिन सर्बिया ने इसे नजरअंदाज किया। नाराज ऑस्ट्रिया ने 28 जुलाई 1914 को सर्बिया पर हमला बोल दिया। इसके साथ ही पहले विश्व युद्ध का आगाज हो गया।

मित्र देश सर्बिया का साथ देने के लिए रूस भी जंग में उतर गया। एक तरफ जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी, तुर्की और बुल्गारिया शामिल थे तो दूसरी ओर थे-ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, इटली, जापान। 1917 में अमेरिका भी मित्र राष्ट्रों की ओर से युद्ध में शामिल हो गया।

पोलैंड पर जर्मनी के हमले से छिड़ा दूसरा विश्व युद्ध

इटली में 1922 में बेनिटो मुसोलिनी और जर्मनी में 1933 में एडोल्फ हिटलर के रूप में फासीवादी तानाशाही सरकारों का गठन हुआ। हिटलर ने मार्च 1939 में चेकोस्लोवाकिया पर हमला करके उस पर कब्जा कर लिया। इसके बाद 1 सितंबर 1939 को पोलैंड पर हमला कर दिया।

पोलैंड की मदद के लिए ब्रिटेन और फ्रांस जर्मनी के खिलाफ उतर आए। इसके साथ दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो गई। एक ओर जहां जर्मनी, इटली, जापान, ऑस्ट्रिया शामिल थे। तो दूसरी ओर ब्रिटेन, फ्रांस, सोवियत संघ। अमेरिका के उतरने के बाद जर्मनी को हारता देख तानाशाह हिटलर ने 30 अप्रैल 1945 को आत्महत्या कर ली, जिसके बाद जर्मनी ने आत्मसमर्पण कर दिया। अमेरिका ने 6 अगस्त और 9 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर परमाणु बम गिराए, जिसमें लाखों लोग मारे गए। इससे 2 सितंबर 1945 को जापान ने सरेंडर कर दिया और युद्ध खत्म हुआ।

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