उड़ी-उड़ी रे पतंग उड़ी रे..
रायबरेली – उल्लास और उमंग का पर्व मकर संक्रांति। तिल-गुड़ का पारंपरिक सेवन सेहत का मंत्र और पर्व स्नान के साथ निरोगी होने का संदेश। इन सबके साथ पतंगबाजों का उत्साह और उमंग देखते ही बनता है। यही वजह है कि शुक्रवार को बाजार पतंगों से पटा रहा। खरीदारों की भी कतार लगी रही। छोटे से लेकर बड़े तक पतंग को लेकर उत्साहित रहे। वहीं गंगा तटों पर श्रद्धालु भी पहुंचे। कुछ लोगों ने स्नान कर दान किया। वहीं अधिकांश लोग शनिवार को मनाएंगे। चाइनीज मंझों पर रहेगी नजर, खूब लड़ेंगे पेंच
फेसबुक पर उभरी संघमित्रा की टीस !!
पर्व को हर कोई उत्साहित है। पतंगबाजी में बच्चे, बड़े या फिर बुजुर्ग सभी बढ़-चढ़कर शामिल होते हैं। आसमान में अलग ही जंग देखने को मिलती है। इस दौरान चाइनीज मांझों को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इसके बावजूद गुपचुप बिक्री होती रही। शुक्रवार को डिग्री कॉलेज चौराहा, सुपर मार्केट, बेलीगंज, स्टेशन रोड, कहारों का अड्डा, बस स्टेशन, पुलिस लाइंस, रतापुर चौराहा, गोरा बाजार आदि स्थानों पर दुकानें लगी रही। श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, की पूजा अर्चना
शुक्रवार को डलमऊ और ऊंचाहार स्थित गंगा के विभिन्न घाटों पर कड़ाके की ठंड के बीच काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। स्नान के बाद गंगा तट पर स्थित मंदिरों में पूजन अर्चना की। तीर्थ पुरोहितों और गरीबों को खिचड़ी दान कर जीवन कल्याण की कामना की। डलमऊ सनातन धर्म पीठ बड़ा मठ के महामंडलेश्वर स्वामी देवेंद्रानंद गिरि ने कहा कि सूर्य व पवित्र नदियों की आराधना और अन्न (फसलों) के सम्मान के रूप में यह पर्व मनाया जाता है। ब्रम्हचारी दिव्यानंद गिरि, रामचैतन्य, गीतानंद गिरि आदि मौजूद रहे। शनिवार को दिनभर रहेगी संक्रांति
तीर्थ पुरोहित पंडित जितेंद्र द्विवेदी ने बताया कि इसे पौषी पूर्णिमा, स्नान दान की पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस बार पौषी का पर्व दो दिनों का होगा। संक्रांति शुक्रवार की रात 8:34 बजे से प्रारंभ हो जाएगा। स्नान दान शनिवार की सुबह से रविवार तक कर सकेंगे।