डिटेंशन कैंप में चीन के टॉर्चर की दिल दहलाने वाली दास्तां
बीजिंग चीन के शिनजियांग में रहने वाले उइगर मुसलमानों के साथ होने वाली ज्यादती और अमानवीय व्यवहार किसी से छुपा नहीं है। शिनजियांग में चल रहे इन डिटेंशन कैंप को लेकर पूरी दुनिया में विरोध होने शुरू हो गए हैं। अमेरिका ने उइगर, कजाख समेत दूसरे मुसलमानों के साथ हो रहे अत्याचार को लेकर कई चीनी अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिए हैं। चीनी अधिकारियों ने कम से कम 518 प्रमुख उइगर धार्मिक इमामों को हिरासत में लिया है। उईगर मुस्लिमों को नमाज पढऩे से रोका जा रहा है। कुरान नहीं पढऩे दिया जा रहा। इसके अलावा रमजान के वक्त रोजा भी नहीं रखने दिया गया था। 61 वर्षीय चीनी सरकार द्वारा दक्षिणी शिनजियांग में काशगर शहर के येंगिसार काउंटी में एक पड़ोसी मस्जिद में नमाज पढऩे के लिए हिरासत में लेने से पहले काम किया गया। उनका परिवार चीनी सरकार के इस आरोप को खारिज करता है कि वह उइगरों के बीच चरमपंथ फैला रहा। मेरे पिता एक शांतिपूर्ण और कानून का पालन करने वाले धार्मिक व्यक्ति हैं। अब्दुकेरिम ने कहा कि 2016 के अंत तक उनके पिता को चीनी सरकार द्वारा वेतनभोगी किया गया था, जब नव नियुक्त कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख, चेन क्वांगो ने शिनजियांग पर बीजिंग के शासन को और अधिक लागू करना शुरू किया।
बता दें कि मुस्लिम आबादी घटाने के लिए चाइनीज सरकार उइगर और दूसरे अल्पसंख्यकों समुदायों के जन्मदर को बर्बरतापूर्वक नियंत्रित कर रही है। एक तरफ मुस्लिम बच्चों को जन्म लेने से रोका जा रहा है, तो दूसरी तरफ देश में हान बहुसंख्यकों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। शिनजियांग के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र में पिछले चार साल से चलाए जा रहे अभियान को कुछ विशेषज्ञ एक तरह से जनसांख्यिकीय नरसंरहार करार दे रहे हैं। साक्षात्कार और आंकड़े दिखाते हैं कि यह प्रांत अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को नियमित तौर पर गर्भावस्था जांच कराने को कहता है, उन्हें इंट्रायूटरिन डिवाइस (आयूडी) लगवाने के अलावा नसबंदी करवाने और लाखों महिलाओं को गर्भपात कराने के लिए भी मजबूर करता है। देश भर में जहां आईयूडी के इस्तेमाल और नसबंदी में गिरावट आई है वहीं शिनजियांग में ये तेजी से बढ़ रहे हैं। जनसंख्या नियंत्रण के इन उपायों पर जोर बड़े पैमाने पर लोगों को हिरासत में लेकर दिया जाता है। निरोध केंद्र में भेजे जाने को धमकी के साथ ही जन्म दर पर काबू करने में विफल रहने पर दी जाने वाली सजा का इसके लिए इस्तेमाल किया जाता है।