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झूठा केस दर्ज कराने वाली महिला के खिलाफ होगी केस दर्ज

दुर्ग. छत्तीसगढ़ के दुर्ग न्यायालय ने दुष्कर्म की शिकायत करने वाली महिला के खिलाफ ही झूठी रिपोर्ट करने पर एसपी को कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है. न्यायालय ने कहा है कि महिला पर झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने के कारण धारा 182 के तहत जांच के बाद केस दर्ज किया जाए. कोर्ट ने मामले में आरोपी बनाए गए नीलमणि साहू पर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. केस दर्ज होने के बाद आरोपी को वैधानिक तौर पर लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा था.

लोक अभियोजक महेंद्र सिह राजपूत ने बताया कि पाटन थाना में महिला ने 25 अगस्त 2020 को आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराया था. महिला के बयान के आधार पर पुलिस ने धारा 376, 450 और एसटीएससी एक्ट के तहत केस दर्ज किया. महिला ने बताया था कि साल 2008 में उसका विवाह हुआ था. 2019 में उसके पति की सड़क हादसे में मौत हो जाने के बाद आरोपी ने शादी का झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाए थे.
इस पूरे मामले में प्राथमिक तौर पर महिला ने जो आरोप लगाए उस कोर्ट ने सिरे से नकार दिया. महिला ने ससुराल वालों के दबाव में केस दर्ज कराने की बात कही और कहा कि उसके साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था. इसे गंभीरता से लेते हुए दुर्ग न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया है कि वह पूरे मामले की जांच करवाएं और महिला पर अपराध दर्ज किया जाए.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज यानी शुक्रवार को सुबह उरला थाना क्षेत्र में एक युवती को कार से फेंकने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. प्रत्यक्षदर्शियों डायल 112 के जरिये पुलिस को इसकी सूचना दी, जहां 108 की मदद से गंभीर अवस्था में युवती को मेकाहारा अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. पुलिस के मुताबिक, घटना महामाया स्टील उद्योग के पास उरला-सरोरा मार्ग के बीच घटित होना बताया गया है. उरला पुलिस को सूचना मिली की एक लड़की को महामाया स्टील कंपनी के पास चलती कार से फेंका गया है.

ड्यूटी पर तैनात आरक्षक छत्रमणी यादव व चालक मानसिंह बघेल ने तत्काल घटना स्थल पहुंच कर पूछताछ की. वहां मौजूद लोगों ने कार से युवती को फेंक कर आरोपी के भागने की बात पता चली. लोगों ने यह भी जानकारी दी की कार काफी तेज थी, इसलिए उसका नंबर नहीं देख पाए.

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