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जाली नोट के रैकेट में शामिल बंगाल निवासी इनाम-उल-हक समेत सभी आरोपियों के विरुद्ध एनआईए ने की कार्रवाई

कोलकाता/नयी दिल्ली जाली नोटों के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पश्चिम बंगाल निवासी इनाम-उल-हक समेत उन तमाम लोगों के खिलाफ तीसरा पूरक आरोप पत्र दाखिल कर दिया है, जिनसे विशाखापत्तनम में नकली नोट बरामद हुए थे. इस मामले में बांग्लादेशी तस्कर भी संलिप्त थे. एक अधिकारी ने बताया कि कि विजयवाड़ा में एनआईए की स्पेशल कोर्ट के समक्ष भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दायर आरोप पत्र में पश्चिम बंगाल निवासी इनाम-उल-हक को नामजद किया गया है, जो बांग्लादेश के अपने सहयोगियों से जाली मुद्रा लेकर उनकी तस्करी और वितरण में शामिल था। अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के मालदा जिला के रहने वाले इनाम-उल-हक क को एनआईए ने 3 सितंबर, 2020 को गिरफ्तार कर लिया था. उन्होंने कहा कि हक ने इस मामले में गिरफ्तार मोहम्मद महबूब बेग, सैयद इमरान, फिरोज शेख और तजम-उल-शेख उर्फ भूत के साथ मिलकर 10,20,000 रुपये मूल्य की जाली मुद्रा खरीदी और फिर उन्हें बेग तथा इमरान को वितरण के लिए सौंप दिया.

अधिकारी ने बताया कि 31 मार्च, 2018 को विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन पर बेग और इमरान से जाली मुद्रा बरामद होने के बाद यह मामला सामने आया था. एजेंसी ने इस मामले में एनआईए की स्पेशल कोर्ट में बेग और इमरान के खिलाफ 29 जून, 2018 को पहला आरोप दायर किया था। बाद में उन्हें दोषी करार दिया गया और 10-10 साल के कारावास की सजा सुनायी गयी. इन पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा था. एनआईए ने फिरोज और तजम-उल को भी गिरफ्तार किया था. उनके खिलाफ पिछले साल जुलाई में आरोप पत्र दायर किया गया था. इनाम-उल-हक और उसके बांग्लादेशी साथियों के खिलाफ जांच अभी जारी है।

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