जम्मू-कश्मीर में जून-जुलाई में हुए 16 एनकाउंटर
श्रीनगर. जम्मू और कश्मीर में भारत-पाकिस्तानसीमा पर शांति की एक झलक के बाद, पिछले छह हफ्तों में घाटी में आतंकवाद से संबंधित हिंसा में बढ़ोतरी देखी गई है. साथ ही सुरक्षा बलों पर हमलों में विदेशी आतंकवादियों की संख्या में तेजी आई है.जम्मू और कश्मीर में सुरक्षाबलों ने इस साल अब तक 86 आतंकी मार गिराए हैं. सिर्फ जून और जुलाई में ही 36 आतंकी ढेर किए गए. जुलाई में बीते 20 दिनों में 10 एनकाउंटर्स हुए हैं. इन एनकाउंटर्स में 20 आतंकी मारे गए हैं जिसमें चार पाकिस्तानी मूल के बताए जा रहे हैं. इस साल अब तक सुरक्षा बलों ने 36 ऑपरेशन किए जिसमें 86 आतंकी मारे गए. इनमे से 80 कश्मीर में और 6 जम्मू में मारे गए. इन आतंकियों में आधे से ज्यादा लश्कर-ए-तैयबा से थे. इन ऑपरेशन्स में 15 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए और 19 नागरिकों की जान चली गई.
सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पता चला है कि इस साल अप्रैल तक सुरक्षा बलों के साथ किसी भी मुठभेड़ में विदेशी आतंकवादी (पाकिस्तान से) शामिल नहीं थे. अप्रैल से जून के बीच चार विदेशी आतंकी मुठभेड़ में मारे गए. जुलाई में चार और विदेशी आतंकी ढेर किए गए जिससे यह संख्या बढ़कर 8 हो गई.
भारत और पाकिस्तान ने दोनों देशों के डीजीएमओ की मुलाकात और 25 फरवरी को एक संयुक्त बयान जारी करने के बाद युद्धविराम का सम्मान करने का फैसला किया था. इसे दोनों देशों के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण फैसले के रूप में देखा गया था. साथ ही उम्मीद थी कि अब घुसपैठ और कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में गिरावट आएगी. हालांकि, घाटी के भीतर शांति कुछ महीनों तक ही कायम रही. रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने कहा कि पिछले सप्ताह घुसपैठ के चार प्रयास किए गए. एक को नाकाम कर दिया गया जबकि तीन सफल हो गए और 20 से अधिक आतंकवादियों के कश्मीर में घुसपैठ करने की जानकारी मिली है.
आतंकियों के भर्ती की बात करें तो इस साल 15 जुलाई तक 69 लोग आतंकी बने, जबकि पिछले साल यह संख्या इस समय तक 85 थी. ज्यादातर भर्तियां दक्षिण कश्मीर के तीन जिलों कुलगाम, शोपियां और पुलवामा से हुई हैं. साल 2019 में 143 की तुलना में 2020 में 174 व्यक्ति आतंकवादी बने.