चीन ने दोस्त बनकर पाकिस्तान को दिया धोखा ,बेच दिया ख़राब एयरडिफेंसिस्टम
नई दिल्ली: पाकिस्तान को चाहे कोरोना वैक्सीन की ज़रूरत हो या फिर नए हथियारों, वह अपनी हर जरूरत के लिए चीन पर निर्भर करता है. लेकिन दगाबाज चीन से आया हर सामान अब पाकिस्तान के लिए नई परेशानियां पैदा कर रहा है क्योंकि चीनी माल या तो खराब है या फिर नकली है.
पाकिस्तान ने चीन से 9 LY 80 एयर डिफेंस सिस्टम्स खरीदे थे जो खराब निकले. अब पाकिस्तान उन सिस्टम्स को ठीक करने के लिए चीन से गुहार लगा रहा है. पाकिस्तान ने चीन को जो लिस्ट सौंपी है उसके मुताबिक इन सिस्टम्स में कुल 388 गड़बड़ी हैं
भारत की ताक़तवर वायुसेना से पैदा होने वाले खतरे को देखते हुए पाकिस्तान ने चीन से 2014 में 9 एयर डिफेंस सिस्टम्स का सौदा किया था. चीन का ये एयर डिफेंस सिस्टम उसी अल्माज़ आंते के सहयोग से 2011 में विकसित किया गया है जिससे भारत ने अपना सबसे महत्वपूर्ण एयर डिफेंस सिस्टम S-400 खरीदा है.
मीडियम रेंज के इस एयर डिफेंस सिस्टम को चीन ने HQ 16 नाम दिया और पाकिस्तान को इसका एक्सपोर्ट वर्ज़न LY 80 LOMAD बेचा था. इनमें से 3 सिस्टम 2016 में और बचे हुए 6 सिस्टम 2019 में पाकिस्तान को सौंप दिए. लगभग 4700 करोड़ रुपये के इन सिस्टम्स को 2019 में भारतीय वायुसेना की बालाकोट स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने बेहद भरोसे के साथ भारतीय सीमा के पास लगाया था.
पाकिस्तान के पास मौजूद इस सिस्टम की रेंज 40 से 70 किमी तक है और ये 15 मीटर से 18 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ते हुए किसी भी एयरक्राफ्ट को तबाह कर सकता है. इसका रडार 140 किमी दूर से ही अपने निशाने पर नज़र रखकर उसका पीछा कर सकता है और 85 किमी दूर से उसपर निशाना लगाने की तैयारी कर सकता है.
चीन का दावा है कि ये कम और मध्यम दूरी की हवाई सुरक्षा देने के लिए दुनिया का सबसे भरोसेमंद एयर डिफेंस सिस्टम है. लेकिन पाकिस्तान बड़ी रकम खर्च करने के बाद भी अपने एयर स्पेस को सुरक्षित नहीं बना सका है. पाकिस्तान ने जो सिस्टम खरीदे उनकी खराबियों की लिस्ट लेकर वह अब चीन के चक्कर लगा रहा है.
साल 2020 में यानी डिलीवरी के कुछ महीने बाद ही ये खराबियां सामने आने लगीं और जल्द ही इनका असर सिस्टम्स पर दिखने लगा. पाकिस्तान ने 285 खराबियों की एक लिस्ट चीन को सौंपी और उसके कुछ महीने बाद ही 103 खराबियों की एक दूसरी सूची सौंपी गई है. लेकिन चीन ने इनमें से 255 खराबियों को ठीक करने में अब तक कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है.
इसके अलावा पाकिस्तान इन सिस्टम्स के पुर्ज़ों की सप्लाई और सौदे के क़रार के मुताबिक चीनी इंजीनियर्स के टेक्निकल असिस्टेंस के लिए भी बार-बार ड्रैगन का दरवाज़ा खटखटा रहा है. सूत्रों के मुताबिक 9 सिस्टम्स में से 3 पाकिस्तानी सेना में शामिल होने के कुछ महीने बाद ही बेकार हो गए हैं जिनके ठीक होने की अब कोई उम्मीद नहीं है.
भारत ने किसी हवाई हमले को रोकने के लिए एक अभेद्य दीवार खड़ी की है. इसमें स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस सिस्टम के अलावा पृथ्वी मिसाइल पर आधारित मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी है. इसके अलावा भारत ने 40,000 करोड़ से ज्यादा क़ीमत के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम का सौदा रूस से किया है जिसके इस साल के अंत तक भारतीय वायुसेना में शामिल होने की संभावना है.