ग्रामीणों की मेहनत आखिरकार रंग लायी 29 दिनों में बनाया 2050 फीट लंबा बांध

बूंदी. कोटा संभाग के बूंदी जिले के ग्रामीणों की मेहनत आखिरकार रंग लायी. ग्रामीणों की ओर से अपने स्तर पर बनाया गया बांध बारिश में भरने लगा है. इससे ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं है. बांध में भरे पानी को हिलोरे मारते देखकर ग्रामीण खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं. अपनी मेहनत के बूते बनाये गये इस बांध की ग्रामीण अब पहरेदारी करने में जुटे हैं. यह बूंदी जिले पहला ऐसा लंबा और चौड़ा बांध है जिसे ग्रामीणों ने अपनी स्वेच्छा से खुद की जमीन देकर बिना किसी सरकारी सहायता के खुद के दम पर बनाया है.
यह बांध बूंदी जिले के नैनवा उपखंड क्षेत्र के भोमपुरा गांव में बनाया गया है. भोमपुरा और उसके आसपास के 13 गांवों के ग्रामीणों ने जनसहयोग से 45 लाख रुपये एकत्र कर इस बांध को बनाया है. अब जब बांध भरने लग गया है तो ग्रामीण पूरी जी-जान से इसकी देखरेख कर रहे हैं. ग्रामीणों ने यहां दो जेसीबी मशीनें लगा रखी है. उनकी मदद से वो बांध में रही खामियों को ठीक कर रहे हैं. इसके लिये महिला और पुरुष सभी जुटे हैं. एक माह पहले बनाये गये 29 फीट भराव क्षमता वाले इस बांध में 20 फीट तक पानी आ चुका है. इसके लिये ग्रमीणों ने भूमि देने के साथ ही पैसा भी खुद ही एकत्र किया है. यही नहीं इसे बनाने के लिये ग्रामीणों ने खुद ही मेहनत मजदूरी की है.
जानकारी के अनुसार भवानीपुरा और करीरी सहित आसपास के 13 गांवो में भूजल स्तर 700 से 800 फीट नीचे चला गया था. इसके कारण खेती करना तो दूर ग्रामीणों को अपने परिवार और मवेशियो के पीने के पानी के लिए दर दर भटकना पड़ता था. सरकार की तरफ से कोई इस समस्या का कोई समाधान नहीं होते देखकर भोमपुरा गांव के ग्रामीणों ने 13 गांवों की पंचायत बुलाई और समस्या का समाधान करने पर मंथन कर बांध बनाने का फैसला किया.
ग्रामीणों ने डूब क्षेत्र में आने वाली अपने खाते की 350 बीघा भूमि को बांध के लिए देने पर सहमति जता दी. बाद में क्षेत्र के लोगों ने जन सहयोग से 45 लाख रुपये की राशि एकत्रित कर बगैर सरकारी सहायता और इंजीनियरों की मदद के 29 दिनों तक दिन रात मेहनत कर बांध बना डाला था. इसके लिये 6 जेसीबी मशीनों और 46 टैक्टर ट्रोलियो के साथ साथ तपती धूप के बीच शिफ्टों में ग्रामीणों ने खुद मेहनत कर 2050 फीट लंबा और 80 फीट चौड़ा बांध बनाया. बांध के लिये 29 फीट ऊंची मिट्टी की पाल बनाई गई है.