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खुली पोल, बताया इमरान खान को नाकाम प्रधानमंत्री!

इस्लामाबाद . पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने वादे के मुताबिक कोरोना महामारी पैकेज देने में नाकाम रहे हैं. वे कुल राशि का केवल 37 प्रतिशत ही दे सके. कुछ मामलों में उनकी सरकार बेहद नाकाम रही, जैसे दिहाड़ी मजदूरों को राहत देने के वादे में में कुल राशि का मात्र 8 फीसदी ही दे सके. उनकी यह नाकामियां सुर्खियां बटोर रहीं हैं. यह खुलासा लोक लेखा समिति में बुधवार को साझा किए गए एक ऑडिट रिपोर्ट से सामने आए हैं. इसमें कहा गया है कि वादे के अनुसार प्रोत्‍साहन पैकेज का जो वादा किया गया था, वह पूरा नहीं हुआ है.

लोक लेखा समिति (पीएसी) में साझा किए गए विवरण के अनुसार, वित्त मंत्रालय ने कुल 500 अरब रुपये में से केवल 186 अरब रुपये जारी किए हैं, जो कि प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा वादा किए गए कुल राशि का केवल 37 प्रतिशत है. वहीं, पीएम पैकेज के तहत दिहाड़ी मजदूरों को 200 अरब रुपये की राहत देने का वादा किया गया था, लेकिन वास्तविक रिलीज सिर्फ 16 अरब रुपये थी

इसी तरह, यूटिलिटी स्टोर्स को फंडिंग 50 अरब रुपये थी लेकिन केवल 10 अरब रुपये मिले. इसके साथ ही बिजली और गैस पर सब्सिडी 100 अरब रुपये थी लेकिन इस क्षेत्र में केवल 15 अरब रुपये मिले. वित्त मंत्रालय के अनुसार कमजोर परिवारों और पनाहगाहों को राहत के मद में 150 अरब में से 145 अरब रुपये की राशि जारी की गई थी. इस बीच, सचिव वित्त ने पीएसी को सूचित किया कि कोरोना से संबंधित गतिविधियों के लिए कुल 1240 अरब रुपये खर्च करने की योजना थी जिसमें 365 अरब रुपये गैर नकद और 875 अरब रुपये नकद व्यय शामिल हैं.

सरकारी ऑडिट रिपोर्ट में खुली इमरान खान की पोल, बताया नाकाम प्रधानमंत्री
इसमें कहा गया कि ‘जहां तक ​​कम खर्च से जुड़े मुद्दे का सवाल है, तो यह कोरोना राहत पैकेज, एक वित्तीय वर्ष के लिए नहीं था. यह चालू वित्तीय वर्ष में भी जारी है.’ सरकार ने अपने स्वयं के बजट में से 334 अरब रुपये प्रदान किए थे. जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान अनुपूरक अनुदान शेष राशि खर्च की जा रही है.’ लोक लेखा समिति ने कोविड -19 से संबंधित खर्च के बारे में सचिव वित्त द्वारा दी गई आधी अधूरी जानकारी पर असंतोष व्यक्त किया है.

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