क्या फिर महंगा होगा पेट्रोल-डीजल?

नई दिल्ली : कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर कम हो रही चिंता के बीच पेट्रोल-डीजल के रेट सरकार की टेंशन बढ़ा सकते हैं. ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत बढ़कर 87 डॉलर के पार पहुंच गई है. ये कीमत पिछले 7 साल में सबसे ज्यादा हैं.
लगातार पांचवें हफ्ते क्रूड ऑयल के रेट में तेजी देखी गई है. अक्टूबर 2014 के बाद कच्चे तेल में यह रिकॉर्ड तेजी है. क्रूड ऑयल में तेजी आने से देश में एक बार फिर पेट्रोल-डीजल के रेट बढ़ सकते हैं. आइए जानते हैं आने वाले समय में क्यों महंगा हो सकता है पेट्रोल-डीजल?
यमन के हूती विरोधियों ने एक दिन पहले ही अबूधाबी में तेल टैंक ब्लास्ट किया था. इस हमले में तीन लोगों की मौत हुई थी. ऐसा उन्होंने तेल प्रोडक्शन में रुकावट डालने के मकसद से किया था. इस घटना के बाद कच्चे तेल की कीमत में तेजी आई है. इससे क्रूड की सप्लाई प्रभावित हो रही है. पिछले कुछ हफ्तों से क्रूड की कीमत में लगातार तेजी देखी जा रही है.
क्रूड ऑयल के भाव में आई रिकॉर्ड तेजी का असर भारतीय बाजार में पेट्रोल-डीजल के रेट पर पड़ना तय है. जानकारों का कहना है कि इस हालात में आने वाले दिनों में क्रूड के रेट 90 डॉलर के करीब पहुंच सकते हैं. इससे देश में पेट्रोल 3 से 4 रुपये और डीजल 2 से 3 रुपये महंगा होने का अनुमान है.
मिडिल ईस्ट में चल रही टेंशन से आपूर्ति कम हो रही है और कोरोना का संकट कम होने से तेल की मांग बढ़ी है. यानी क्रूड की मांग ज्यादा है और सप्लाई उस हिसाब से कम है. इससे भी क्रूड के रेट में तेजी आ रही है. इसका सीधा असर घरेलू बाजार में पड़ेगा और एक बार फिर पेट्रोल व डीजल के रेट बढ़ सकते हैं.
इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड की कीमत बढ़ने का असर भारतीय वायदा बाजार पर भी देखा जा सकता है. क्रूड ऑयल के रेट में 12 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी देखने को मिल चुकी है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर क्रूड ऑयल के दाम करीब 6290 रुपये प्रति बैरल पर हैं. 31 दिसंबर को क्रूड ऑसय के दाम 5610 रुपये पर बंद हुए थे.
ब्रेंट क्रूड 1 दिसंबर 2021 को 69 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर था. छह सप्ताह में ही इसमें करीब 25 प्रतिशत का उछाल आया है. जानकारों का मानना है कि तेल उत्पादन क्षमता में तेजी की संभावन अभी नहीं दिख रही. ओमिक्रॉन के कारण संकट के बादल छंटने से मांग में भी इ
मॉर्गन स्टैनली का अनुमान है कि कच्चे तेल के भाव निकट भविष्य में 90 डॉलर प्रति बैरल तक हो सकते हैं. एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन और ब्लूमबर्ग ने 2022 के लिए ओपेक देशों की तेल उत्पादन क्षमता घटकार 8 लाख और 12 लाख बैरल रोजाना कर दी थी. इस रिपोर्ट के बाद जेपी मॉर्गन ने आने वाले दिनों में कच्चे तेल के भाव में 30 डॉलर प्रति बैरल तक के उछाल का अनुमान लगाया है.