क्वारंटाइन मुद्दे को सुलझाने में जुटा है ब्रिटेन

लंदन. यूनाइडेट किंगडम (यूके) में प्रवेश करने वाले भारतीयों के लिए क्वारंटाइन मुद्दे को हल करने के मद्देनजर यूके काम कर रहा है. विदेश मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया कि ब्रिटेन के विदेश राज्य मंत्री तारिक अहमद ने विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के साथ इस मामले पर उस वक्त चर्चा की, जब वे न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76वें सत्र के मौके पर मिले थे. बागची ने यह भी ट्वीट किया कि श्रृंगला ने अहमद के साथ तालिबान नियंत्रित अफगानिस्तान के हालात सहित विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की.
हाल ही में, भारत ने भारतीयों के लिए ब्रिटेन की वैक्सीन मान्यता प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे. आलोचनाओं के बाद, यूके ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपनी यात्रा सलाह को संशोधित करते हुए कोविशील्ड को अपनी स्वीकृत टीकों की सूची में शामिल कर लिया, लेकिन भारतीयों को क्वारंटाइन और वहां आगमन पर अपना कोविड-19 टेस्ट करवाना होगा क्योंकि ब्रिटेन अभी भी CoWIN प्रमाणपत्र को स्वीकार नहीं करता है.
श्रृंगला ने यूके सरकार द्वारा कोविशील्ड को मान्यता नहीं देने के फैसले को “भेदभावपूर्ण” और भारतीयों की यात्रा को प्रभावित करने वाला बताया था. उन्होंने कहा था कि अगर मामला हल नहीं हुआ, तो नई दिल्ली के पास भी इसी तर्ज पर जवाबी कदम उठाने का अधिकार है. साथ ही उम्मीद जतायी थी कि जल्द ही इस मुद्दे का हल निकाल लिया जाएगा.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी ब्रिटेन से उस नियम को हटाने का आग्रह किया था जिसमें पूरी तरह से टीका लगाने के बावजूद वहां जाने वाले भारतीयों को क्वारंटाइन करने की आवश्यकता थी. एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित और भारत के पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट में निर्मित देश के कोविशील्ड वैक्सीन को ब्रिटेन के नए नियमों के तहत मान्यता नहीं दी गई थी, जबकि ब्रिटेन में रहने वाले यह लाखों लोगों को भी इसी के समान खुराक दी गई थी.
इन्ही चिंताओं के बीच, ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के साथ चर्चा की थी. उन्होंने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया था, “आर. एस. शर्मा, आयुष्मान एनएचए के साथ शानदार तकनीकी चर्चा हुई. किसी भी पक्ष ने एक-दूसरे की प्रमाणन प्रक्रिया को लेकर कोई तकनीकी चिंता जाहिर नहीं की. ब्रिटेन एवं भारत के बीच यात्रा और पूर्ण सुरक्षित जन सेहत को लेकर हमारे संयुक्त उद्देश्य में महत्वपूर्ण प्रगति.”
ब्रिटेन के नए यात्रा नियमों का हवाला देते हुए एलिस ने बुधवार (22 सितंबर) को कहा था कि कोविशील्ड टीके से कोई समस्या नहीं है और मुख्य मुद्दा कोविन ऐप के जरिये होने वाला कोविड-19 टीका प्रमाणन है. कोविशील्ड को मान्यता देने से ब्रिटेन के इंकार करने पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद लंदन ने बीते 22 सितंबर को अपने नए दिशानिर्देश में संशोधन किया जिसमें इसने एस्ट्राजेनेका के भारत निर्मित संस्करण को अंतरराष्ट्रीय यात्रा परामर्श में शामिल किया.
ब्रिटेन के अधिकारियों ने 22 सितंबर को स्पष्ट किया था कि कोविशील्ड की दोनों खुराक लगवा चुके भारतीय यात्रियों को ब्रिटेन में अब भी दस दिनों के पृथक-वास में रहना होगा और कहा कि टीके को शामिल किए जाने से भी बहुत फर्क नहीं पड़ता है.