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क्यों की विवाह फिल्म के शाहिद कपूर की तरह अस्पताल में अनोखी शादी

प्रतापगढ़ के अवधेश की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही  है। हो भी क्यों ना, अवधेश ने ऐसा बहादुरी भरा काम जो किया है। दरअसल विवाह फिल्म की तरह ही एक वायका इन दिनों प्रयागराज में हुआ। जिस तरह से फिल्म की हिराेइन पूनम (अमृता राव) को प्रेम (शाहिद कपूर) ने अस्पताल में मंगलसूत्र पहनाकर सात जन्मों तक साथ निभाने वाले वादे को पूरा किया था। ठीक उसी तरह किसान राम प्यारे की बेटी आरती को प्रतापगढ़ के अवधेश भी अस्पताल में मंगलसूत्र पहनाया। शादी से ठीक पहले आरती गिर गईं थी और उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी।

विवाह मंडप में जाने से चंद घंटे पहले गंभीर अवस्था में अस्पताल पहुंची आरती की हालत में अब सुधार हो रहा है। आज आरती का ऑक्सीजन उतर गया और वो सामान्यतौर पर बातचीत कर रही है। डॉक्टरों का कहना है कि आरती की हालात अब पहले से ठीक है। जल्द ही वो अपने घर जा सकेगी। बता दें कि प्रतापगढ़ कुंडा की आरती का विवाह कुंडा के ही अवधेश से बीते आठ दिसंबर को तय हुआ था। शादी के दिन ही आरती अपने घर की छत से गिर पड़ी। हादसे में आरती की रीढ़ की हड्डी टूट गई और उसे पहले स्थानीय अस्पताल भर्ती कराया गया जहां से प्रयागराज रेफर किया गया। प्रयागराज में लाइफ लाइन न्यूरोक्लीनिक अस्पताल में आरती के किसान पिता उसे लेकर आए और अवधेश के घर वालों को घटना की जानकारी दी। अवधेश व आरती का विवाह अक्टूबर 2019 को तय हुआ था। इसके बाद विवाह की तारीख दिसंबर 2020 तय हुई थी। मई से आरती और अवधेश आपस में फोन पर बात करते थे। जब अवधेश को हादसे की जानकारी हुई तो उसने आरती से शादी के लिए जिद्द की। बेटी फिर से पांव पर खड़ी भी होगी या नहीं इस चिंता में आरती के पिता ने अवधेश के घर वालों के सामने अपनी दूसरी बेटी के साथ शादी प्रस्ताव रखा।

अवधेश ने कहा कि सात जन्म का साथ निभाने का वादा उसने आरती से किया है। अगर हादसा आठ के बजाए 10 दिसंबर को होता तो क्या करते। ऐसे में उसने डॉक्टरों की अनुमति से एम्बुलेंस से आरती को कुंडा बुलाया और स्ट्रेचर पर लेटी आरती और अवधेश का विवाह संपन्न हुआ। शादी के बाद आरती को वापस लाया गया। अब आरती की हालत में सुधार है। अवधेश का कहना है कि स्थिति ठीक है। डॉक्टरों का कहना है एक या दो महीने में आरती फिर पहले जैसे हो जाएगी। आरती अपने आपको खुश किस्मत मानती है। आरती का कहना है कि शायद कोई और होता तो साथ छोड़ देता। लेकिन अवधेश ने एक सच्चे जीवन साथी का फर्ज निभाया।

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