क्या होता है अंतर रानी, महारानी और पटरानी में ?

नई दिल्ली: किताबों, कहानियों, फिल्मों और पुराने किस्सों में आपने कई बार किसी किले या राज्य में रानी, महारानी और पटरानी शब्द को सुना होगा. लेकिन कई लोगों को इस बारे में कन्फ्यूजन रहती है कि इन सभी का मतलब क्या होता है और तीनों में ही बुनियादी अंतर क्या होता है. ऐसे में यहां जानें आपके इन सवालों के जवाब.
रानी
किसी भी राज्य में जहां राजा होते हैं, वहां उनकी पत्नियों को रानी कहा जाता है. एक राजा अगर कई शादियां करेगा तो उनकी सभी पत्नियों को रानी कहेंगे. राज्य में कई राजा हो तो, उन सभी की पत्नियों को भी रानी ही कहेंगे. जैसे किसी महाराजा के चार बेटों को राजा कहते हैं, उसी तरह उन सभी की पत्नियां भी रानी होंगी.
महारानी
महारानी आमतौर पर महाराजा के नाम से जुड़ा होता है. जैसा कि ऊपर बताया गया, राज्य में कई राजा हो सकते हैं, लेकिन वहां का महाराज एक ही होगा, जिसके हाथ में सभी निर्णय लेने के अधिकार होंगे. ऐसे में महाराजा की पत्नी को महारानी कहेंगे, वहीं अगर महाराजा ने कई शादियां की हैं तो उनकी सभी पत्नियों को भी महारानी ही कहेंगे.
पटरानी
जैसा कि हमने बताया ही कि एक राजा की कई शादियां हुआ करती थीं, ऐसे में उनकी सभी पत्नियों को रानी कहा जाता है. लेकिन किसी राजा या महाराजा की सबसे खास पत्नी या जिनसे उनका लगाव या संबंध सबसे ज्यादा होगा, उन्हें पटरानी कहेंगे. या यूं कहें कि राजा या महाराजा के साथ सिंहासन पर बैठने वाली रानी को ही पटरानी कहेंगे.