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केंद्र करे उपकार तो जयपुर मेट्रो पकड़े’रफ्तार’

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ड्रीम प्रोजेक्ट मेट्रो के फेज—2 को केंद्र की मदद का इंतजार है। करीब 23.5 किमी लंबे इस रूट के निर्माण पर 4600 करोड़ रुपए व्यय होंगे।

जयपुर। – मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ड्रीम प्रोजेक्ट मेट्रो के फेज—2 को केंद्र की मदद का इंतजार है। करीब 23.5 किमी लंबे इस रूट के निर्माण पर 4600 करोड़ रुपए व्यय होंगे। यह राशि राज्य सरकार अकेले खर्च करने का दम नहीं रखती, ऐसे में केंद्र सरकार से पैसा मिले तो यह प्रोजेक्ट भी रफ्तार पकड़ सके।
गहलोत की पूर्ववर्ती सरकार के समय फेज-1 का काम लगभग पूरा हो गया था, लेकिन इस फीता वसुंधरा राजे सरकार में कटा। इसके बाद चांदपोल से बड़ी चौपड़ तक बनाए गए भूमिगत फेज वन-बी का उद्घाटन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया। इस सरकार के आने के बाद उम्मीद जगी थी कि फेज—2 को रफ्तार मिलेगी, लेकिन कोरोना और केंद्र से सहायता नहीं मिलने की वजह से प्रोजेक्ट अटका पड़ा है।

इस रूट पर लाइट मेट्रो चलेगी -जयपुर मेट्रो फेज-2 में लाइट मेट्रो कॉन्सेप्ट तैयार किया गया है। इसमें सिविल वर्क से लेकर प्लेटफॉर्म के आकार को छोटा किया जाना प्रस्तावित है। मेट्रो के अधिकारियों की मानें तो अब भारत सरकार लाइट मेट्रो कॉन्सेप्ट को ही बढ़ावा दे रही है। इस नए कॉन्सेप्ट की वजह से ही मेट्रो फेज—2 की लागत 10 हजार करोड़ रुपए से घटकर 4600 करोड़ रुपए रह गई है।

तीन बार हो चुकी है डीपीआर की समीक्षा – डीपीआर की तीन बार समीक्षा हो चुकी है। पहली बार 2010 में फेज-2 के लिए डीपीआर बनाई गई। उसमें कलक्ट्रेट और एयरपोर्ट को शामिल नहीं किया गया। 2014 में इसका विस्तार किया गया और कलक्ट्रेट और एयरपोर्ट को भी शामिल किया गया। बाद में इसे सीतापुरा से वीकेआई तक बढ़ाने पर भी चर्चा हुई थी।

घाटे का सौदा साबित हो रही है मेट्रो – जयपुर मेट्रो संचालन के समय से ही घाटे का सौदा साबित हुई है। यात्रीभार कम होने की वजह से मेट्रो अपना पूरा खर्च भी नहीं निकाल पा रही है। अभी मेट्रो की 115 करोड़ रुपए से अधिक वार्षिक आय है। लेकिन इसका खर्चा 155 करोड़ रुपए से ज्यादा का है। कोरोना की वजह से मेट्रो के राजस्व को भारी नुकसार हुआ है। अभी 25 हजार से 30 हजार प्रतिदिन यात्री मेट्रो में सफर कर रहे हैं।

फैक्ट फाइल
—03 जून 2015 को जयपुर में शुरू हुई थी मेट्रो
—मेट्रो संचालन में देश का छठा शहर बना था जयपुर
—इसके बाद फेज वन—बी में मेट्रो का संचालन हुआ शुरू
—अभी 09 किमी एलिवेटेड और 2.3 किमी भूमिगत रूट पर दौड़ रही है मेट्रो
—4600 करोड़ रुपए खर्च होंगे मेट्रो के दूसरे चरण में
—अम्बाबाड़ी से सीतापुरा तक प्रस्तावित रूट की बन चुकी है डीपीआर
—23.5 किमी का है दूसरा चरण, इस चरण में 21 स्टेशन हैं प्रस्तावित
—11 मेट्रो स्टेशन हैं अभी, इनमें से तीन स्टेशन हैं भूमिगत

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