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किसानों केसमर्थन में ग्लोबल इंडियंस: ‘बादाम-दूध पीते रहो और धरने पर डटे रहो, पैसों की चिंता ना करना’

 

नई दिल्ली :तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को देश के बाहर रह रहे सिख समुदाय के लोगों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। कनाडा के वैंकूवर में तो किसानों के समर्थन में प्रदर्शन भी हुए हैं। यूरोप, अमेरिका, कनाडा और दुनिया के दूसरे हिस्सों में रह रहे लोग किसानों के समर्थन में एकजुट हो रहे हैं। वे आंदोलन के लिए आर्थिक मदद भेज रहे हैं।

अमेरिका के डेनवर में रहने वाले किरनपाल सिंह सिद्धू ने किसानों के आंदोलन के लिए कई बार पैसे भेजे हैं। सिद्धू कहते हैं, ‘हमें मीडिया के जरिए किसानों के प्रदर्शन के बारे में पता चला है। अब मैं रोजाना कम से कम दो बार प्रदर्शन में शामिल लोगों से फोन पर बात करता हूं। कोलोराडो और डेनवर की सिख और इंडियन कम्यूनिटी हर तरह से आंदोलन में मदद करने की कोशिश कर रही है।’

सिद्धु कहते हैं, ‘मैं अपने दोस्तों के जरिए कई बार पैसे भेज चुका है। आगे भी जरूरत पड़ेगी तो भेजूंगा। हमारा चाहे कितना भी खर्च हो जाए, हम पीछे नहीं हटेंगे। मैं खुद एक किसान का बेटा हूं और उनके दर्द को समझ रहा हूं।’

एक नौजवान पंजाब के होशियारपुर से आंदोलन में शामिल होने दिल्ली आया है। उसका कहना है कि कनाडा में मेरे भाई रहते हैं। वे किसान आंदोलन को सपोर्ट कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि बादाम-दूध पीते रहो और धरने पर डटे रहो, पैसों की चिंता न करना।’

विदेश में रह रहे भारतीय मीडिया रिपोर्टों, सोशल मीडिया और अपने पारिवारिक दोस्तों के जरिए आंदोलन के बारे में जानकारियां ले रहे हैं। ब्रिटेन के लीड्स में रहने वाले जसप्रीत सिंह दफ्तर आते-जाते समय रास्ते में अपनी सोशल मीडिया फीड पर सिर्फ आंदोलन के बारे में ही पढ़ते हैं। जसप्रीत भारत आकर आंदोलन में शामिल होना चाहते हैं लेकिन उनके घरवालों ने उन्हें मना किया हुआ है।

किरनपाल सिद्धू कहते हैं, ‘इतना बड़ा प्रोटेस्ट दिल्ली में चल रहा है। हमें ये खुशी होती है कि इतने लोग इकट्ठे हुए हैं।

जसप्रीत कहते हैं, ‘मेरे परिवार के लोग धरने पर बैठे हैं। मैं ब्रिटेन में बैठकर जब बुजुर्ग किसानों की तस्वीरें देखता हूं तो मन विचलित हो जाता है। किसान अपने हक के लिए आंदोलन कर रहे हैं लेकिन मीडिया के कुछ हिस्से में उनकी नकारात्मक तस्वीर पेश की जाती है। मैं बहुत चाहता हूं कि भारत आकर इस धरने में शामिल हो जाऊं।’

जसप्रीत के मुताबिक, ब्रिटेन के सिख समुदाय के लोग भी आंदोलन के लिए पैसे भेज रहे हैं और सोशल मीडिया पर भी इससे जुड़े पोस्ट शेयर कर रहे हैं। विदेशों में रह रहे सिख समुदाय के लोग एनजीओ के जरिए पैसे भेजने के बजाए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के जरिए पैसे भेज रहे हैं। प्रदर्शन में शामिल लुधियाना से आए एक किसान के मुताबिक उनके दोस्त ने कनाडा से बीस हजार रुपए भेजे हैं।

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