कारागार मंत्री और उनकी बेटी ने की मदद, दुबई से छुड़ाकर लाया गया युवक
लखनऊ. दुबई में एक शिप पर जबरन रखे गए लखनऊ के युवक सहित दो लोगों को यूपी के कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की सक्रियता के बाद वापस लाया जा सका है। करीब एक साल बाद छूटकर देश लौटे हिमाद्री उपाध्याय घर वापस आकर बेहद खुश हैं। उधर, कारागार मंत्री ने कहा,”यूपी अब मेरी कर्मभूमि है इसलिए ऐसे लोग जो बाहर फंसे हुए हैं, उन्हें बचाया जाएगा। धोखा देने वाली ट्रैवल एजेंसियों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए जल्द ही सरकार और नेताजी से बात भी करूंगा।”
क्या है मामला
राजधानी में इंदिरा नगर निवासी हेमाद्री हैदराबाद की विहान शिपिंग कंपनी में बतौर चीफ ऑफिसर काम करता थे। हेमाद्री ने आगे बताया कि जनवरी में उन्हें खाड़ी के देशों में भेजा गया। लेकिन जब शिप इराक से दुबई पहुंचा तो उन्हें शिप पर ही रखा गया। समय पर खाना और पानी भी नहीं दिया जाता था। काम तो कराया जाता था लेकिन वेतन नहीं मिलता था।
शिप में क्षमता से अधिक लोग
18 जनवरी को शिप को शारजहां पोर्ट से करीब 20 किलोमीटर दूर रखा गया था। शिप पर पहले 11 लोग थे लेकिन बाद में 7 और लोगों को इस पर लाया गया, जबकि शिप पर केवल 11 लोग ही रह सकते थे।
कैसे चंगुल से निकले
हिमाद्री उपाध्याय ने बताया कि इंटरनेट की सहायता से उन्होंने एनजीओ हेल्पिंग हेल्पलेस से संपर्क किया। यह एनजीओ कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया की बेटी अमनजोत कौर चलाती हैं। अमनजोत कौर ने पिता के सामने इस मुद्दे को रखा। बलवंत सिंह रामूवालिया ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली जाकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से कार्रवाई की मांग की। विदेश मंत्री के आदेश पर मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज इंडियनय अफेयर्स ने इसपर सक्रियता से काम किया और कुछ लोगों को वापस लाने में सफलता मिली। अभी राना, राजेश नामक युवकों को भी लाना है।
‘सरकार से करुंगा बात’
रविवार को अपने आवास 10 कालिदास मार्ग पर कारागार मंत्री ने हेमाद्री के बारे में मीडिया को बताया। रामूवालिया ने कहा, ”अखबारों में विदेशों में नौकरियों के तमाम विज्ञापन आते हैं। इसका फायदा ट्रैवल एजेंसी के लोग उठाते हैं। इसलिए इस विषय पर सरकार से बात करुंगा। पुलिस की मदद से इनके उत्पीड़न को रोका जाए। इसके साथ दूसरी राजनीतिक पार्टियों से भी बात करना जरूरी है। इसे मानव तस्करी के तौर पर देखा जाना चाहिए।”