लखनऊ
काफी हाउस में दी गई काकोरी शहीदों को श्रद्धांजलि
लखनऊ । भारत की युवा पीढ़ी को काकोरी कांड के महत्व की जानकारी देने और जीपीओ पार्क में चन्द्रशेखर आज़ाद,राम प्रसाद बिस्मिल रौशन लाल,राजेंद्र लाहिड़ी और अशफाकउल्ला खाँ की प्रतिमाएं लगाये जाने की मांग के साथ इंडियन काफी हाउस में श्रद्धांजलि समारोह आयोजित हुआ। समारोह में बोलते हुए राजेश पांडे एडवोकेट ने कहा कि 9 अगस्त 1925 को हुए इस कांड को डकैती कहना क्रांतिकारियों की भावना के साथ अन्याय है जबकि यह वास्तव में अंग्रेजी सरकार को चेतावनी देने का क्रांतिकारी प्रयास था।
वाई.एन.उपाध्याय ने काकोरी शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि पासी और राजभर जैसी योद्धा जातियों ने लगातार अंग्रेजों के विरूद्ध सशस्त्र संघर्ष जारी रखा जिससे निपटने के लिए अंग्रेजों ने अपने आपराधिक कानून में इन्हें जन्मजात अपराधी जातियों के रूप में चिन्हित किया था और आजादी के 74साल बाद भी भारत के स्वाधीनता संघर्ष में बलिदान देने वाली इन जातियों की स्थिति बदली नहीं है।उन्होंने संविधान में संशोधन करके इन जातियों को महत्व दिए जाने की ज़रूरत बतायी।कार्यक्रम के संचालक एम.के.सिंह ने बताया कि हजरतगंज स्थित जीपीओ पार्क में काकोरी का शहीद स्तम्भ तो बहुत पहले से स्थापित है, लेकिन इस कांड के लिए फांसी की सजा पाने वाले पांचों क्रांतिकारियों की प्रतिमाएं लगाये जाने की ज़रूरत है,जिसे तत्काल पूरा किया जाना चाहिए।आयोजन में उदय खत्री,अमीर हैदर,भगवती सिंह,आनंद वर्धन सिंह,
डा.कल्पना सिंह,प्रदीप कपूर,के.के.शुक्ला,अतुल अंजान आदि गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। 19 दिसम्बर को काकोरी शहीदों की स्मृति में उत्कर्ष लोक सेवा संस्थान द्वारा किए गए इस श्रद्धांजलि समारोह की संयोजिका अरूणा सिंह ने कार्यक्रम को सफल बताते हुए कहा कि इंडियन काफी हाउस भविष्य में भी ऐसे राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रमों का आयोजन स्थल बना रहेगा।