कानपुर की आरक्षण लिस्ट जारी
पंचायत चुनाव 2021 के लिए कानपुर की अनंतिम आरक्षण लिस्ट जारी हो गई है। जिले के 10 में से 5 क्षेत्र पंचायत प्रमुख की सीटों में बदलाव हुआ है। पिछले साल पुलिस एनकाउंटर में मारे गए कुख्यात अपराधी विकास दुबे के गांव में ग्राम प्रधान की सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित हो गई है। पिछले चुनाव में यहां से विकास के छोटे भाई दीपप्रकाश की पत्नी अंजली दुबे निर्विरोध चुनी गईं थीं।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद नए सिरे से तैयार की गई आरक्षण की अनंतिम लिस्ट शनिवार को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जारी की गई। इस लिस्ट में बिकरू गांव की सीट एससी के खाते में दर्ज की गई है। अनारक्षित होने के बावजूद किसी भी व्यक्ति ने इस सीट पर दावेदारी नहीं दिखाई थी।
इससे पहले दो मार्च को जारी आरक्षण सूची में यह सीट ओबीसी कोटे में गई थी। इसी बिकरू कांड में भीटी ग्राम पंचायत का भी नाम खूब उछला। विकास का दबदबा और दहशत होने के चलते यहां उसके खास विष्णुपाल सिंह के खिलाफ किसी ने चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं दिखाई थी। इस बार भीटी ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है। जबकि 2 मार्च वाले आरक्षण में यह ओबीसी वर्ग के लिए थी। पूरे शिवराजपुर ब्लॉक में सिर्फ बिकरू और भीटी ग्राम पंचायतों के प्रधान निर्विरोध निर्वाचित हुए जबकि अन्य जगह मतदान हुआ था।
इन जिलों की जारी हो चुकी सूची
यूपी पंचायत चुनाव के लिए मैनपुरी, बलिया, मिर्जापुर, लखीमपुर खीरी, कानपुर, महोबा और गाजियाबाद जिले में अब तक नई आरक्षण सूची जारी हो गई है। नई आरक्षण सूची के मुताबिक ग्राम प्रधान से लेकर जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी पदों में काफी बदलाव हुआ है।
विकास की पत्नी के चुनाव लड़ने की चर्चा
उधर, विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे इधर कुछ दिनों से एक बार फिर सुर्खियों में हैं। एक पखवारे पहले रिचा दुबे के जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने की चर्चा ने अचानक जोर पकड़ लिया था। इधर, अब तक विकास के परिवार के कब्जे में रही उसके गांव बिकरू ग्राम प्रधान की सीट इस बार आरक्षित हो गई। ऐसे में अब उसके परिवार से किसी का बिकरू से ग्राम प्रधान बनना तो नामुमकिन हो चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिला पंचायत की जिस घिमऊ सीट से रिचा दुबे के चुनाव लड़ने की चर्चा थी उस पर गैंगस्टर विकास दुबे का दबदबा रहा है। रिचा पहले भी वहां से जिला पंचायत सदस्य चुनी जा चुकी हैं।
बिकरू की सीट पर था कब्जा
विकास दुबे के परिवार का अपने गांव बिकरू के ग्राम प्रधान पद पर कब्जा रहा है। पिछली बार भी यह सीट उसी के परिवार के कब्जे में रही लेकिन इस बार यह सीट एससी के लिए आरक्षित हो गई है, तो परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव नहीं लड़ पाएगा।