आम जनता के प्रिय डा. नीरज बोरा !
विरासत में मिले समाज सेवा के संस्कारों ने डा. नीरज बोरा को बेहद लोकप्रिय बनाया है। एमबीबीएस करने के बाद मरीजों की सेवा करनी शुरु की और वर्ष 1993 में सीतापुर रोड पर सेवा अस्पताल स्थापित किया। इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन के लखनऊ चैप्टर के अध्यक्ष, लायन्स क्लब इण्टरनेशनल के गवर्नर रह चुके डा. नीरज बोरा सर्वसुलभ, अतिशय विनम्र व व्यवहारकुशल हैं।
वे विभिन्न संस्थाओं को माध्यम बनाकर पिछले ढाई दशक से समाज की अहर्निश सेवा कर रहे हैं। यही कारण है कि उन्हें जनता बेहद पसन्द करती है। स्वच्छ छवि, स्थानीय मुद्दों पर निरन्तर संघर्ष, समस्याओं के निदान के प्रति समर्पण, आम जनता के बीच पहचान आदि ऐसे बिन्दु हैं जिसका लाभ डा. नीरज बोरा को वर्ष 2017 में मिला और वे लखनऊ उत्तर क्षेत्र से विधायक चुने गये।
डा० नीरज बोरा के पिता श्री डी०पी० बोरा लखनऊ पश्चिम विधान सभा (नये परिसीमन में लखनऊ पश्चिम का अधिकांश भाग लखनऊ उत्तर) से दो बार विधायक रहे हैं। उत्तर प्रदेश की छात्र राजनीति से निकले डी०पी०बोरा की पहचान संघर्षशील, दलितों के मसीहा, श्रमिकों व राज्य कर्मचारियों के सवालों को लेकर लड़ने वाले निर्भीक नेता के रूप में रही है। उन्होंने गरीबों, दलितों, पिछड़ों सहित आम आवाम की आवाज सड़क से विधान सभा तक उठायी। उन्होनें लखनऊ में लगभग 17 दलित बस्तियां बसायीं और लम्बा संघर्ष कर उन इलाकों में बिजली, पानी, सड़क व सीवर की सुविधा भी दिलायी।
गोमती नदी की नीलामी पर रोक की लड़ाई लड़कर बोरा जी ने गरीब मछुवारों को निःशुल्क मछली पकड़ने का अवसर दिलाया-
मुख्यतः नेहरूनगर, इन्दिरानगरी, अशफाकउल्लाहनगर, लाल कालोनी, अम्बेडकरनगर, अकबरनगर निषादनगर आदि वह बस्तियां हैं जहाँ अब दलित परिवार पक्के मकान बनाकर रह रहे हैं। गोमती नदी की नीलामी पर रोक की लड़ाई लड़कर बोरा जी ने गरीब मछुवारों को निःशुल्क मछली पकड़ने का अवसर दिलाया, जो अब तक जारी है।
पच्चीस हजार से अधिक निःशुल्क मोतियाबिन्द आपरेशन करवाकर गरीबों के आंख की रोशनी वापस दिलाने वाले डा० नीरज बोरा समाज सेवा के रास्ते जनता के बीच पहुंचे। स्वयं रक्तदान करने तथा हजारों लोगों को रक्तदान के प्रति प्रेरित करने वाले डा. बोरा ने हजारों विकलांगो को कृत्रिम अंग लगवाने, बैसाखी, व्हील चेयर और ट्राइसाइकिल देने का कार्य भी किया। सामाजिक कार्यों से बनी पहचान ने उनकी राजनीतिक राह को सुगम बनाया।
जनहित के मुद्दों को सदन में प्रभावी ढंग से उठाया-
विधायक निर्वाचित होने के बाद डा. बोरा निरन्तर जनता के बीच रहे हैं। जनहित के मुद्दों को सदन में प्रभावी ढंग से उठाया है। राजधानी में पीने के पानी की आगामी पचास वर्ष की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए विधान सभा में नये वाटर वर्क्स की स्थापना का प्रस्ताव भी पेश किया। लखनऊ का उत्तरी क्षेत्र अर्द्धशहरी है जहां अनियोजित कालोनियों में विकास कार्य बड़ी चुनौती है। बावजूद इसके क्षेत्र में सड़क, नाली, स्वास्थ्य, बिजली, पानी व मूलभूत सुविधाओं सम्बंधी अनेक कार्य हुए हैं। कई कार्य पाइपलाइन में हैं जिन्हें पूरा कराने के संकल्प के साथ डा. नीरज बोरा पुनः जनता के बीच भाजपा प्रत्याशी हैं।
~रूबरू~
प्रश्न : पिछले पांच वर्षों में आपकी प्राथमिकताएं क्या थीं और क्या आपको लगता है कि आप उन्हें हासिल करने में सफल रहे? साथ ही अगर आप दोबारा जीत जाते हैं तो अगले पांच साल में आपकी प्राथमिकताएं क्या होंगी?
उत्तर : अपने कार्यकाल के दौरान जनता को मूलभूत सुविधाएं जैसे- बिजली, पानी, सीवर, सड़़क, आवास और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना प्राथमिकता रही है। लखनऊ उत्तर क्षेत्र के कई वार्ड अर्द्धशहरी हैं तथा सरकारी रिकार्ड में अनियोजित कालोनी के रूप में जाने जाते हैं। तीव्र शहरीकरण और जनसंख्या के भारी दबाव के चलते शहरी अवस्थापना सुविधाओं का विकास एक चुनौती रही है। हमने इन चुनौतियों का सामना करते हुए भारी संख्या में सड़़क, नाली बनवाई है। घरों को निःशुल्क सीवर से जोड़ा गया है।
तकरीबन 19 करोड़़ की लागत से अभिषेकपुरम-जानकीपुरम पेयजल योजना पूरी हुई है, जिससे हजारों परिवार आच्छादित हुए। सैकड़ों समरसिबल लगवाए। अमृत योजना के अंतर्गत पेयजल की बड़ी योजनाएं तैयार करवायी है। राजधानी की आबादी को पेयजल संकट से उबारने की दूरगामी योजना के तहत मैंने नये वाटर वर्क्स के निर्माण का प्रस्ताव विधान सभा में रखा है। सैकड़ों परिवार को आवास उपलब्ध कराये गये हैं, वहीं घर बनाने के लिए लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ढाई लाख का अनुदान दिलाया गया है। क्षेत्र में नये बिजली घर बने, बांस-बल्ली के स्थान पर विद्युत पोल लगे वहीं बिजली को अंडरग्राउंड करने की योजना भी चल रही है।
ठाकुरगंज व अलीगंज के अस्पतालों में नये आक्सीजन प्लांट और चिकित्सा सुविधाओं को उच्चीकृत कराया। जानकीपुरम में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में नये वार्ड व प्रसव कक्ष बनवाये। फैजुल्लागंज क्षेत्र में 100 बेड का अस्पताल स्वीकृत कराया। आईआईएम से शहीद पथ को जोड़़ने वाले ग्रीन कारिडोर परियोजना के मूल में हमारा संघर्ष रहा है, जिसमें गोमती बांध के लिए विधान सभा कार्य संचालन नियमावली के सुसंगत प्रावधानों के अन्तर्गत अनेक बार सदन का ध्यान आकृष्ट कराया। गऊघाट और फैजुल्लागंज को जोड़ने के लिए पीपा पुल के स्थान पर पक्का पुल बनाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। विकास की अनेक योजनाएं पाइपलाइन में हैं। कोविड महामारी के कारण कार्य प्रभावित हुए।
पुनः अवसर मिलने पर अधूरे कार्यों को पूरा कराने, ट्रैफिक जाम की समस्या दूर कराने, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के साथ-साथ लोगों को रोजगार से जोड़ने की पहल ही सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।
प्रश्न : आपके विधानसभा क्षेत्र में काफी लोगों ने नागरिक सुविधा से जुड़े मुद्दों के बारे में शिकायत की जो सीधे तौर पर तो नगर निगम से जुड़े थे। फिर भी विधायक के रूप में जनता की अपेक्षाओं को पूर्ण कराने की जिम्मेदारी आप पर भी है। आपने इस दिशा में क्या किया?
उत्तर : यह सच है कि विभिन्न नागरिक सुविधाओं का विकास नगर निगम की जिम्मेदारी है किन्तु एक जनप्रतिनिधि के रूप में यह हमारी भी नैतिक जिम्मेदारी बनती है। विभिन्न विभागों द्वारा विकास कार्य में जो इस प्रकार की अड़चनें आयीं उसमें समन्वयक के रूप में दूर कराने का पूरा प्रयास किया है। दशकों से लम्बित एक ऐसे मामले का उल्लेख करना आवश्यक समझता हूं जो विभागों की आपसी खींचतान से पूरा नहीं हो रहा था। मल्लाही टोला वार्ड की कैटिल कालोनी बांध व सम्पर्क मार्ग बनाने में अवरोध उत्पन्न कर रही थी।
कालोनी को अन्यत्र विस्थापित कर जमीन खाली कराने का दायित्व एलडीए का था और बांध बनाने की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग की। अनेक दौर की बैठकों, विधान सभा में मेरी लगातार पैरवी से यह मामला हल हो पाया। अधूरा बांध बनने से एक ओर जहां लोगों की राह सुगम होगी वहीं चौक व ठाकुरगंज वाली सड़क का ट्रैफिक कम होगा। इसी प्रकार विधायक निर्वाचित होते ही वर्ष 2017 में हमने विधान सभा में क्षेत्रीय विकास से जुड़े अनेक प्रश्न उठाये। सरकार की ओर से उत्तर मिला कि अनियोजित कालोनियों में विकास की सीधी जवाबदेही नहीं है।
बावजूद इसके जनहित के मुद्दों को लेकर माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, लखनऊ के सांसद व भारत सरकार के यशस्वी रक्षामंत्री से निरन्तर मिलता रहा हूं। उनकी कृपा से हमने इन अनियोजित क्षेत्रों में अभूतपूर्व कार्य कराये हैं। पीपा पुल के स्थान पर पक्के पुल की बात आयी तो सरकार ने कहा कि एक निर्धारित दूरी पर ही पुल बन सकता है। मैंने कहा कि मामला यदि व्यापक जनहित से जुड़ा हो तो नियमों को शिथिल करने की परम्परा भी रही है।
प्रश्न : लोगों की शिकायत है कि पिछले पांच वर्ष में आपके क्षेत्र में नया सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं बनाया गया, सरकारी स्कूलों की हालत खराब है, सरकारी अस्पतालों में डाक्टर नहीं हैं। इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?
उत्तर : यह शिकायतें पूरी तरह सही नही हैं। हमने विधान सभा में नये विद्यालय की मांग उठाई थी। नये कालेज हेतु शहरी क्षेत्र में जमीन की व्यवस्था करना चुनौती है। मेरे सामने यह विकल्प था कि यदि नये कालेज में बाधा आ रही है तो पुराने कालेज को उच्चीकृत किया जाय। पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी जी द्वारा स्थापित अलीगंज के नेताजी सुभाषचन्द्र बोस राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मेरे प्रयासों से नया पीजी ब्लाक बना। तकरीबन तीन करोड़ पैंसठ लाख रुपये की लागत से बने इस नये पीजी ब्लाक के कारण बालिकाओं की शिक्षा हेतु सुविधा हुई है।
इसी प्रकार सरकारी प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों की चाहरदीवारी बनवाना, बच्चों के लिए फर्नीचर, पेयजल सुविधायें उपलब्ध कराने के साथ ही विद्यालयों में पौधारोपण का कार्य भी कराया गया है। मेरे विशेष प्रयासों से क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्रों में भी सुविधायें बढ़ाई गई हैं। रही बात सरकारी अस्पतालों की, तो वहां चिकित्सकों की कमी पाई जा रही है किन्तु आने वाले दिनों में नहीं होगी क्योंकि योगी सरकार में नये मेडिकल कालेज बने हैं और चिकित्सकों की नई फौज तैयार हो रही है। सुरक्षा व्यवस्था पहले से बेहतर हुई है।
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट और उसके अधिकारी कानून व्यवस्था की चुनौतियों को सख्ती से निबटा रहे हैं। हमें विश्वास है कि 10 मार्च से आरम्भ होने वाला योगी सरकार का दूसरा कार्यकाल सारी शिकायतों का निस्तारण करते हुए उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास का नवीन मार्ग प्रशस्त करेगा।