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आत्मनिर्भरता की डोज, मिडिल क्लास पर बोझ”बजट

नई दिल्ली :वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश किया. उन्होंने बजट पेश करते हुए संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था को उबारने, देश में विनिर्माण गतिविधियों को प्रोत्साहित करने और कृषि उत्पादों के बाजार की मजबूती के उपायों का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि इस साल विनिवेश का लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपये का है. बजट में आत्मनिर्भर बनाने का पहल की गई है. लेकिन इस बजट को मिडल क्लास के लिए बोझ बताया गया.
सरकार ने विदेश से आने वाले मोबाइल और उससे जुड़े उपकरणों पर इंपोर्ट ड्यूटी 2.5% तक बढ़ा दी है. कुछ ऑटो पार्ट्स पर 7.5% इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर इसे 15% कर दिया है. ड्यूटी बढ़ने से कई सामान महंगे हो जाएंगे. जैसे मोबाइल फोन, मोबाइल फोन चार्जर, एसी-फ्रिज, वायर, केबल, LED बल्ब, इम्पोर्टेड कपड़े, लेदर प्रोडक्ट, ऑटो पाटर्स, कॉटन, रॉ सिल्क, प्लास्टिक प्रोडक्ट्स, सोलर इन्वर्टर, सोलर से उपकरण, महंगे हो जाएंगे
वित्त मंत्री के ऑत्मनिर्भर टैबलेट से राहत की खेप भी डाउनलोड हुई है. सोने-चांदी के आयात शुल्क में 5 फीसदी की भारी कटौती की गई है. इसके साथ ही स्टील का सामान, लोहा, नायलॉन के कपड़े, तांबे का सामान, और चमड़े से बना सामान भी ड्यूटी कम होने की वजह से सस्ता हुआ है.
इंफ्रास्ट्रक्चर पर इस बार बहुत जोर दिया गया है. इस बजट में कुल मिलाकर 3 लाख 34 हज़ार करोड़ रुपये इंफ्रास्ट्रक्चर में डाले गये हैं. इस रकम में सड़क, बड़े हाईवे और रेलवे सहित इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी तमाम योजनाएं शामिल हैं. अगले साल तक 8500 किलोमीटर के रोड प्रोजेक्ट शुरू होंगे. इससे पैसे का मूवमेंट बढ़ेगा, रोज़गार के मौके पैदा होंगे, अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी.
देश का राजकोषीय घाटा खतरनाक स्तर पर है. ये सभी रि‍कॉर्ड तोड़कर जीडीपी के 9.5 प्रतिशत के बराबर हो गया है और अगले साल का घाटा भी अनुमान से कहीं ज्यादा. करीब 6.8 से 7 प्रतिशत तक होने की आशंका है. सरकार इस साल करीब 12 लाख करोड़ रुपये का कर्ज भी लेगी. बजट पर संसाधनों का दबाव है और इसी का नतीजा है निजीकरण यानी अब तक की सबसे बड़ी सरकारी सेल. बैंक से लेकर बंदरगाह तक और बिजली लाइनों से लेकर हाइवे तक तमाम जगहों पर हिस्सेदारी बेचने की तैयारी है. सरकार इस डिसइनवेस्टमेंट से 1 लाख 75 हज़ार करोड़ रुपये हासिल करना चाहती है जो कि एक मुश्किल टारगेट है. पिछले साल 2 लाख करोड़ का टारगेट था लेकिन 28 हज़ार करोड़ के आसपास की रकम आई.
इनकम टैक्स को लेकर बजट में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. टैक्स के संदर्भ में बजट में सिर्फ एक बड़ी घोषणा हुई है- 75 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करना पड़ेगा. ये ऐसे पेंशनर्स हैं जिनकी आमदनी सिर्फ पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से है. इनका टैक्स बैंक ही TDS के तौर पर काट लेगा.

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