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आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी, ड्रोन से नजर

 

जम्मू. जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान जारी है. पिछले कुछ दिनों में आतंकियों ने गैर कश्मीरियों को निशाना बनाया था. अब पुंछ और राजौरी जिलों में खराब मौसम के बाद भी आतंकवाद विरोधी अभियान शनिवार को 13 वें दिन भी जारी रहा. इस बीच, गृह मंत्री अमित शाह भी कश्मीर दौरे पर हैं और वो राज्य की सुरक्षा स्थिति का जायजा ले रहे हैं.

पिछले सप्ताह इन जंगलों में छिपे आतंकवादियों के दो अलग-अलग हमलों में सेना के नौ कर्मी शहीद हो गये थे. अधिकारियों के अनुसार पुंछ में मेंढर और सुरनकोट तथा राजौरी के समीपवर्ती थनमंडी के घने जंगलों में छिपे आतंकवादियों की धर-पकड़ के लिए सेना एवं पुलिस का संयुक्त तलाशी अभियान सावधानीपूर्वक जारी रहने के बीच दो और संदिग्ध पूछताछ के लिए हिरासत में लिये गये.

सेना के एक अधिकारी ने बताया कि जंगल के एक बड़े हिस्से को खंगाल लिया गया है और अब तलाशी अभियान उस क्षेत्र में सीमिति है जहां कई प्राकृतिक गुफाएं हैं. अधिकारी ने कहा, ‘11 अक्टूबर और 14 अक्टूबर की प्रांरभिक गोलीबारी के बाद आतंकवादियों के साथ कोई सीधा आमना-सामना नहीं हुआ है. आतंकवादियों की तलाशी के लिए तलाशी अभियान का विस्तार किया गया है.’

उन्होंने उम्मीद जतायी कि मौसम सही रहने पर प्राकृतिक गुफाओं को खंगालने का काम एक-दो दिनों में पूरा हो जाएगा. शुक्रवार रात से पुंछ-शोपियां से लगे पीर की गली समेत जम्मू कश्मीर के ऊंचे क्षेत्रों में पहली बर्फबारी हुई है जबकि मैदानी क्षेत्रों में वर्षा हुई है, फलस्वरूप दिन का तापमान घट गया है. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बल उच्च प्रौद्योगिकी वाले ड्रोन की मदद से संदिग्ध स्थानों पर कड़ी नजर रख रहे हैं.

इस बीच, मेंढर के भट्टा दुर्रियन जंगल में सेना के तलाशी दलों ने दो संदिग्ध विस्फोटक उपकरणों को नष्ट किया है. इस क्षेत्र में मंगलवार को सुरक्षा के तौर पर स्थानीय लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गयी थी क्योंकि सैनिक जंगल में आगे बढ़ रहे थे. दोनों ही सीमावर्ती जिलों के वन क्षेत्रों में यह अभियान 11 अक्टूबर को तब शुरू हुआ था जब आतंकवादियों ने पुंछ के सुरनकोट में घात लगाकर एक तलाशी दल पर हमला किया था जिसमें 5 सैनिक शहीद हो गए थे. उसके बाद उसी दिन समीप के थनमंडी में भी मुठभेड़ छिड़ गयी थी.

मुठभेड़ के बाद आतंकवादी दोनों ही स्थानों से भाग गये लेकिन 14 अक्टूबर को फिर उन्होंने मेंढर के नार खास जंगल में वार किया एवं चार सैनिकों को मार दिया. सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों का सफाया करने के लिए अपना अभियान बढ़ा दिया. अधिकारियों ने बताया कि तलाशी में लगे जवानों की मदद के लिए आठ किलोमीटर लंबे और दो किलोमीटर चौड़े वन क्षेत्र में ड्रोन और हेलीकॉप्टर लगाये गये , साथ ही पैरा कमांडों को उतारा गया. यह क्षेत्र नियंत्रण रेखा से महज चार किलोमीटर दूर है.

अधिकारियों ने कहा कि आतंकवादियों का सफाया करने के लिए पूरा वन क्षेत्र सुरक्षाबलों के तलाशी अभियान के दायरे में है लेकिन पहाड़ी क्षेत्र एवं घने जंगल के चलते अभियान मुश्किल भरा और खतरनाक है. अधिकारियों ने बताया कि सुरनकोट के मस्तनधारा से दो लोग पूछताछ के लिए हिरासत में लिये गये हैं जो सेना के लिए भारवाहक के तौर पर काम करते थे. उन्होंने बताया कि अब तक 12 लोग हिरासत में लिये गये हैं. जम्मू के कोट बलावल कारागार में बंद एक आतंकवादी से भी पूछताछ की जा रही है.

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