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आज से बिना ड्राइवर दौड़ेगी दिल्ली मेट्रो, जानें- एक सपनाके सच में बदलने की कहानी

दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 दिसंबर को देश की पहली पूर्ण-स्वचालित चालकरहित (ड्राइवरलेस) ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. देश की पहली ड्राइवरलेस ट्रेन का सफर 37 किलोमीटर का होगा. यह ट्रेन दिल्ली मेट्रो का हिस्सा होगी.
दरअसल दिल्ली मेट्रो दिल्ली यनआरसी में अपने रेल नेटवर्क का विस्तार कर रहा है. प्रधानमंत्री कार्यालय पीयमओ जारी किए गए बयान के मुताबिक, ड्राइवरलेस ट्रेन पूरी तरह से ऑटोमैटिक होगी और मानवीय गलतियों की आशंकाओं को खत्म कर देगी.
देश की पहली ड्राइवरलेस ट्रेन दिल्ली मेट्रो के मजेंटा लाइन और पिंक लाइन पर चलाई जानी हैं. पहले चरण में ड्राइवरलेस ट्रेन कुल 37 किलोमीटर की दूरी मजेंटा लाइन पर जनकपुरी पश्चिम से नोएडा के बॉटनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन के बीच दौड़ेगी. उसके बाद साल 2021 में पिंक लाइन में 57 किलोमीटर तक ड्राइवरलेस मेट्रो चलाने की योजना है. जो मजलिस पार्क से शिव विहार तक की दूरी तय करेगी. इस तरह से कुल 94 किलोमीटर तक ड्राइवरलेस ट्रेनें दौड़ाने की योजना है.
दिल्ली मेट्रो ने ड्राइवरलेस ट्रेन को एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि बताया है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन डीयमआरसी पिछले करीब 3 साल से ड्राइवरलैस मेट्रो ट्रेन का ट्रायल कर रहा था. दिल्ली मेट्रो ने पहली बार सितंबर 2017 को इसका ट्रायल शुरू किया था.
अगर खासियत की बात करें तो आम मेट्रो ट्रेन की तरह ही ड्राइवरलेस ट्रेन में भी 6 कोच होंगे. हालांकि इसमें कई एडवांस तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. ड्राइवरलेस ट्रेन की रफ्तार अधिकतम 95 किलोमीटर प्रति घंटा होगी, वहीं 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ यह अपना सफर शुरू करेगी.
ड्राइवरलेस ट्रेन में 2,280 यात्री एक बार में सफर कर सकते हैं. इसमें हर कोच में 380 यात्री सवार हो सकते हैं. इसके अलावा पीएम मोदी दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर यात्रा के लिए नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) भी 28 दिसंबर को जारी करेंगे.
डीएमआरसी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अनुज दयाल ने बताया कि डीएमआरसी ऑटोमैटिक ट्रेन सुपरविजन सिस्टम का मेट्रो परिचान में इस्तामल करेगी. ड्राइवरलेस ट्रेन कंट्रोल रूम से ऑटोमैटिक ऑपरेट की जाएगी. ड्राइवरलेस ट्रेन में केबिन नहीं होगा, कोच की डिजाइन नई होगी. सबसे खास फीचर ट्रेन के अंदर और बाहर लगे अत्याधुनिक कैमरे होंगे. सेंसर आधारित ब्रेक किसी भी हादसे के वक्त तुंरत लग जाएंगे.
बता दें कि दिल्ली मेट्रो 2002 में शुरू हुई थी, जिसे अब कुल 18 साल हो गए हैं. पहली बार इसका परिचालन 8.4 किलोमीटर लंबे शाहदरा और तीस हज़ारी के बीच शुरू हुआ था. आज की तारीख में 11 मेट्रो लाइन और 390 किलोमीटर नेटवर्क के साथ ही दिल्ली मेट्रो देश ही नहीं विश्व का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन चुका है.

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