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अस्पताल कमांडेंट का तबादला कोरोना संक्रमण के बीच क्यों ?

नई दिल्ली. दिल्ली कैंट के बेस अस्पताल के कमांडेंट मेजर जनरल वासु वर्धन के अचानक हुए तबादले पर सवाल उठ रहे थे, जिसके बाद भारतीय सेना ने बयान दिया है कि यह एक रूटीन पोस्टिंग थी और मानव संसाधन प्रबंधन (एच आर मैनेजमेंट) की योजना का हिस्सा था.

भारतीय सेना ने अपने बयान में कहा है कि पोस्टिंग का यह आदेश सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के मानव संसाधन प्रबंधन योजना का हिस्सा है और वर्तमान कमांडेंट ने 18 महीने से ऊपर के अपने कार्यकाल को पूरा कर लिया है और अगस्त 2021 में वह सेवानिवृत्त हो जाएंगे. उसी अस्पताल में दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी ब्रिगेडियर संदीप थरेजा को मेजर जनरल की उपाधि के लिए मान्यता मिल गई है और उन्हें भी इस दौरान तरक्की दी जानी है

दिल्ली कैंट का यह अस्पताल फिलहाल कोविड सेंटर बना हुआ है जहां सैन्यकर्मियों के साथ ही सेवानिवृत्त और सेना के परिवारजनों का इलाज चल रहा है. बयान में कहा गया है कि ऐसे में अस्पताल के दो सबसे वरिष्ठ अधिकारियों के ओहदे में उथल-पुथल करना सही नहीं रहेगा. इसलिए एक और काबिल चिकित्सक मेजर जनरल एस के सिंह को कमांडेंट बेस अस्पताल नियुक्त किया गया है ताकि इस मुश्किल दौर में उच्च अधिकारियों की जगह खाली न हो और बदलाव के लिए उचित वक्त मिल सके.

सेना का मानना है कि वर्तमान कमांडेंट पिछले एक साल से ज्यादा से अस्पताल की व्यवस्था संभाल रहे हैं और कई कोविड मरीजों का फेफड़ों से संबंधित इलाज करने जैसे चुनौतीपूर्ण काम में जुटे हैं. वहीं उनके निजी जीवन में भी वह किसी अपने को खो चुके हैं. ऐसे में तनाव कम करने के लिए दिल्ली के सैनिक अस्पताल में बतौर अतिरिक्त अधिकारी उनका तबादला किया जा रहा है ताकि वह अपने सेवानिवृत्ति के बारे में योजनाबद्ध तरीके से काम कर सकें और मानसिक तौर पर बेहतर महसूस करें.

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