अमेरिकी राष्ट्रपति की कार को टक्कर देती है शी जिनपिंग की Hongqi

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने दो दिवसीय भारत दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई दौर की मुलाकात करेंगे। साथ ही दक्षिण भारत की संस्कृति से भी रूबरू होंगे। इस दौरान चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रात्रिभोज में दक्षिण भारत का स्वादिष्ट खाना परोसा जाएगा। खास बात यह है कि अमेरिका राष्ट्रपति ट्रंप की तरह वे भी अपनी स्पेशल कार में चलते हैं। उनके आने से पहले ही उनकी यह खास लग्जरी कार चीन से ही लाई गयी है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप अपने आधिकारिक दौरों के दौरान कैडिलैक कार ‘द बीस्ट’ का इस्तेमाल करते हैं, जिसकी कीमत है 15 लाख डॉलर।

होंगकी को चीन की लिमोजीन भी कहा जाता है और यह एक लंबी, चौड़ी और काले रंग की कार है। इसकी खिड़की और दरवाजे हथियारों से लैस होते हैं। कार में सेफ्टी के पुख्ता इंतजाम होते हैं। बताया जाता है कि इसमें कई और खास सेफ्टी फीचर्स को भी शामिल किया गया है लेकिन उनका खुलासा नहीं किया जाता। चाइना में होंगकी (Hongqi L5) को ‘रेड फ्लैग’ भी कहते हैं, जोकि कम्युनिस्ट पार्टी का प्रतीक है। इस कार को 1958 में चीन फर्स्ट ऑटो वर्क्स (FAW) समूह ने लॉन्च किया था, जिसकी गिनती चीन के लग्जरी कार ब्रांड्स में होती है। इसका लंबे समय से उच्च-सरकारी अधिकारियों और चीन में गणमान्य व्यक्तियों का दौरा करने के लिए आधिकारिक वाहन के तौर पर इस्तेमाल करते रहे हैं।

चीन की सबसे बड़ी आटोमोबाइल कंपनी ने Hongqi N501 को खासतौर पर जिनपिंग के लिए बनाई है। वैसे तो इसकी कीमत 5.50 करोड़ रुपए है लेकिन जरूरी और अतिरिक्त सेफ्टी फीचर्स के चलते इसकी कीमत बढ़ जाती है।
असल में चीनी राष्ट्रपति पहले अपनी आधिकारिक कार साथ में लेकर नहीं चलते थे। शी जिनपिंग जब 2012, 2013 और 2015 में अमेरिका की यात्रा पर गए तो वहां प्रसिद्ध अमेरिकी कार कैडिलैक की सवारी की थी, वहीं 2014 में जब फ्रांस गए तो फ्रेंच कार कंपनी की लग्जरी सेडान कार Citroen C6 की सवारी की। वहीं 2015 में ब्रिटेन के दौरे के दौरान महारानी एलिजाबेथ की गोल्ड स्टेट कोच यानी आठ घोड़ों वाली बग्घी में बैठे।

लेकिन 2014 में आस्ट्रेलिय़ा में जी20 समिट होने के बाद न्यूजीलैंड के आधिकारिक दौरे पर Hongqi L5 कारों को लेकर गए। यह पहली बार था जब कोई चीनी राष्ट्रपति आधिकारिक दौरे पर देश से बाहर अपनी कार के साथ पहुंचे। जिनपिंग ने 2012 में अपनी पार्टी को संबोधित करते हुए कहा था कि चीन के नेताओं को चीन में बनी कारें ही इस्तेमाल करनी चाहिए। माना जाता है कि चीनी राष्ट्रपति की मंशा अपने देश की कारों को बाहर प्रमोट करने की रही है।

यह एक बेहद पावरफुल कार है, इसमें टर्बो चार्ज्ड इंजन V8 इंजन लगा है जो कि 402 हार्स पॉवर के साथ आती है। सिंगल गैस टैंक फुल होने पर 500 मील तक दौड़ सकती है। Hongqi L5 कार चीन में बनी सबसे महंगी कारों में से एक है। और यह चीन की सरकार की आधिकारिक कार भी है। यह इतनी पावर कार है कि महज 8 सेकंड में 100 किलोमीटर की रफ्तार पकड़ लेती है।

माना जा रहा है कि इस खास कार की कीमत करीब 6 करोड़ रुपए है। कहा यह भी जाता है कि कंपनी इस कार के तीन मॉडल बनाती है। एक राष्ट्रपति के लिये, दूसरी कार परेड के लिये और तीसरा मॉडल चीनी नागरिकों के लिए। Hongqi L5 कार को किसी दूसरे देश में नहीं बेची जाती है। इस कार का वजन 3152 किलोग्राम है। दिखने में यह एक विशाल कार जान पड़ती है ।