अमेरिकी की कंपनियों को हैकिंग का शिकार बना रहे ईरानी हैकर्स
तेहरान. ईरान की सरकार द्वारा स्पांसर एक हैकिंग समूह हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स और परिवहन फर्मों सहित अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ विघटनकारी साइबर हमले शुरू कर रहा है. यूएस होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट (डीएचएस) द्वारा प्रकाशित साइबर सुरक्षा अलर्ट में इसकी जानकारी दी गई. इस चेतावनी को एफबीआई और डीएचएस की साइबर सिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा संयुक्त रूप से जारी किया गया है. अमेरिका पहले भी ईरान पर इस तरह के आरोप लगा चुका है. इसके अलावा, उसने ऐसे ही आरोप रूस पर भी लगा थे.
इस चेतावनी में कहा गया, ‘हैकर्स कंप्यूटर नेटवर्क में सेंध लगाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट और फोर्टिनेट द्वारा बनाए गए उत्पादों में पुराने सॉफ्टवेयर कमजोरियों का फायदा उठा रहे थे. सॉफ्टवेयर की कमजोरियों को ठीक कर लिया गया है, लेकिन कुछ कुछ ग्राहकों ने अपने नेटवर्क को अपडेट नहीं किया है. मंगलवार को, माइक्रोसॉफ्ट ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि उसने सितंबर 2020 से छह अलग-अलग ईरानी हैकिंग समूहों को रैंसमवेयर तैनात करते हुए देखा है. रैंसमवेयर आमतौर पर कंप्यूटर के डेटा को एन्क्रिप्ट करके काम करता है, जब तक कि हैकर्स को जबरन वसूली का भुगतान नहीं भेजा जाता है.’
माइक्रोसॉफ्ट के पोस्ट में कहा गया, ईरानी ऑपरेटरों ने अपने रणनीतिक लक्ष्यों और ट्रेडक्राफ्ट दोनों को बेहतर ढंग से अपना लिया है. समय के साथ वे अधिक खतरे वाले अभियानों को करने में सक्षम हुए हैं. इसके अलावा, ये इस तरह के अभियानों को पूरे स्पेक्ट्रम का संचालन कर सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन के एक प्रवक्ता से इस बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई. लेकिन प्रवक्ता ने इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया. ईरान में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद से ही अमेरिका और ईरान के बीच रिश्तों में तनाव चलता आ रहा है. हाल के वर्षों में इसमें इजाफा भी देखने को मिली है.
इससे पहले, अगस्त में अमेरिकी विदेश विभाग साइबर हमले की चपेट में आया था. रक्षा साइबर कमांड विभाग द्वारा इसकी जानकारी दी गई है. एक रिपोर्ट में कहा गया कि इस हमले के पीछे किसका हाथ है, यह फिलहाल साफ नहीं है. विभाग के एक प्रवक्ता ने फॉक्स न्यूज को बताया, ‘विभाग अपनी जानकारी की सुरक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेता है और सूचना की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमेशा जरूरी कदम उठाता है. सुरक्षा कारणों की वजह से हम इस समय किसी भी कथित साइबर घटना या उसके दायरे पर चर्चा करने की स्थिति में नहीं हैं.’