अब अमेरिका के इस शहर का पूरा कंट्रोल मुस्लिमों के पास

वाशिंगटन: सेक्युलर देश होने के बावजूद अमेरिका की पहचान एक ऐसे देश के रूप में रही है, जहां पर ईसाई बहुमत में हैं और उनके समर्थन के बिना किसी भी पार्टी की सरकार नहीं बन सकती. हालांकि अब अमेरिका का एक शहर पूरी तरह मुस्लिम बहुल हो गया है और वहां पर सिटी काउंसिल में चुने गए सभी मेंबर मुस्लिम हैं.
मिशीगन के हैमट्रैम्क शहर का क्षेत्रफल करीब 5 वर्ग किलोमीटर है. वहां पर हाल ही में सिटी काउंसिल के मेंबर्स के चुनाव हुए हैं. जिनमें सभी सीटों पर मुस्लिम विजयी हुए हैं. 68 फ़ीसदी वोट हासिल करके अमीर ग़ालिब (41) अमेरिका में पहले यमन मूल के मेयर बने हैं.
यमन के एक गांव में पैदा हुए ग़ालिब 17 साल की उम्र में अमेरिका पहुंचे थे. उन्होंने हैमट्रैम्क के पास कार के प्लास्टिक के पुर्जे बनाने वाली एक फ़ैक्ट्री में काम शुरू किया था. बाद में उन्होंने अंग्रेज़ी सीखी और मेडिकल ट्रेनिंग हासिल की. अब वो हेल्थकेयर क्षेत्र में काम करते हैं. उनके अलावा काउंसिल में बांग्लादेश मूल के 2, यमनी मूल के 3 और पोलैंड मूल की एक मेंबर भी चुनी गई हैं. ये सब मुस्लिम हैं. पोलिश मूल की पार्षद पहले ईसाई थी, लेकिन शहर में इस्लाम के बढ़ते प्रभाव की वजह से उन्होंने भी अपना मजहब बदल लिया.
रिपोर्ट के मुताबिक इस शहर में 50 फीसदी से ज्यादा आबादी अब मुस्लिमों की हो चुकी है. जिनमें यमन और बांग्लादेश मूल के लोगों की अच्छी खासी बहुलता है. हालांकि यह सब एकाएक नहीं हुआ है. दरअसल किसी जमाने में यह शहर अमेरिकी के कार उद्योग का केंद्र था. यहां जनरल मोटर्स के बड़े प्लांट थे. इसके चलते 20वीं सदी में पोलैंड से आकर यहां लोग बसते चले गए. वर्ष 1970 तक वहां पर 90 फीसदी लोग पोलिश मूल के थे.
उसी दौरान हैमट्रैम्क शहर से बड़े कार प्लांट निकलकर दूसरे शहरों में शिफ्ट होने लगे. इसके चलते पोलिश लोगों ने भी दूसरे शहरों में पलायन शुरू कर दिया. वर्ष 1980 के बाद इस शहर में अरबी और एशियाई मूल के लोगों ने पहुंचना शुरू कर दिया. वहां पहुंचने वाले अधिकतर लोग इस्लाम को मानने वाले थे. शुरू में वहां के स्थानीय लोगों के साथ उनका तनाव हुआ और उन्हें भेदभाव का भी सामना करना पड़ा.
इसके बाद भी प्रवासी मुसलमानों का इस शहर में आना कम नहीं हुआ. जिसके बाद स्थानी पोलिश लोग या तो शांत हो गए या फिर दूसरे शहरों में शिफ्ट हो गए. इसके बाद से अब हैमट्रैम्क अमेरिका का पहला मुस्लिम बहुल शहर बन गया है. जिसकी कमान पूरी तरह मुस्लिमों के हाथ में है. यहां पर मस्जिदों की संख्या भी काफी बढ़ गई है और दुकानों पर हलाल सर्टिफाइड होने के बैनर दिखना भी आम बात हो गई है.
रिपोर्ट के अनुसार थिंकटैंक प्यू रिसर्च सेंटर का अनुमान है कि अमेरिका में क़रीब 38.5 लाख मुसलमान रहते हैं. यानी अमेरिका में मुसलमानों की कुल आबादी के क़रीब 1.1 फ़ीसदी है. हालांकि अनुमान है कि वर्ष 2040 तक वे अमेरिका में ईसाइयों के बाद दूसरे सबसे बड़े धार्मिक समूह बन जाएंगे. रिसर्चर को स्टडी में पता लगा कि अमेरिकी जनता की मुसलमानों को लेकर सबसे ज्यादा नकारात्मक है.
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