अफगानिस्तान में महिलाओं के अकेले यात्राकरने पर बैन, तुगलकी फरमान

काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद से देश में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं और उनके मौलिक अधिकारों का हनन हुआ है. तालिबानी सरकार ने स्कूली शिक्षा और नौकरी करने को लेकर महिलाओं व लड़कियों के खिलाफ कई तुगलकी फरमान जारी किए हैं. अब तालिबान ने एक और बेतुका फरमान जारी करते हुए कहा कि महिलाओं को लंबी दूरी की यात्रा करने की इजाजत तभी दी जाएगी जब उनके साथ उनका कोई करीबी पुरुष रिश्तेदार मौजूद हो. यानि अब अफगानिस्तान में महिलाएं अपनी मर्जी से ट्रैवल भी नहीं कर सकेंगी.
अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के प्रवक्ता सदिक अकीफ मुहाजिर ने कहा कि, वे महिलाएं जो 72 किलोमीटर की यात्रा करना चाहती हैं. अगर उनके साथ कोई करीबी पुरुष रिश्तेदार नहीं है तो उन्हें ट्रैवल करने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि महिला के साथ पुरुष का होना बेहद जरूरी होगा.
वहीं सोशल मीडिया पर सुर्खियों में एक अन्य आदेश के अनुसार, अफगानिस्तान में नागरिकों से अपने वाहनों में संगीत बजाने से मना किया गया है. इससे पहले अफगानिस्तान के मंत्रालय ने टीवी चैनलों से महिला कलाकारों से जुड़े ड्रामा और सीरियल को ना दिखाने को कहा था. वहीं महिला पत्रकारों से हिजाब पहनकर एंकरिंग करने के लिए कहा गया था. वहीं तालिबान सरकार के प्रवक्ता मुहाजिर ने कहा हिजाब एक इस्लामिक प्रथा है और महिलाओं को यात्रा करने के दौरान भी हिजाब पहनना होगा.
अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार ने इन फरमानों से मानवाधिकार संगठन बेहद नाराज है. महिला अधिकारों से जुड़ी एक कार्यकर्ता हीथर बरार ने कहा कि, यह नया आदेश महिलाओं को कैद में रखने की दिशा में एक और नया कदम है. यह आदेश महिलाओं को स्वतंत्र रूप से घूमने, रोजगार के सिलसिले में होने वाली यात्राएं और दूसरे शहर जाने वाली ट्रैवल से जुड़ी आजादी पर अंकुश लगा देगा.
बता दें कि अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद इस साल 15 अगस्त को तालिबान ने देश की सत्ता पर काबिज हो गया था. इसके बाद से तालिबानी सरकार ने महिलाओं से रोजगार के अवसर छीन लिए और कई महिलाओं के नौकरी पर आने पर रोक लगा दी. वहीं बड़ी संख्या में स्कूलों से लड़कियों के नाम भी काट दिए गए.