जोजिला टनल (Zojila tunnel)सालभर जा सकेंगे लेह-लद्दाख

नई दिल्ली. लेह और लद्दाख साल में पांच-छह महीने देश के बाकी हिस्सों से कट जाते हैं. हर साल जब श्रीनगर, लेह और लद्दाख में भारी बर्फबारी होती है तो श्रीनगर-लेह-लद्दाख हाइवे बंद हो जाता है.इन कठिन दिनों को बिताने के लिए वहां के निवासियों को 6 महीने का राशन भी पहले ही जमा करना पड़ता है. लेकिन, साल 2026 के बाद ऐसा नहीं करना पड़ेगा. देश के अन्य हिस्सों से लेह-लद्दाख भी सड़क मार्ग से 12 महीनों जुड़ा रहेगा. यह होगा जोजिला सुरंग (Zojila tunnel) बनने से. 11.578 फीट की ऊंचाई पर है श्रीनगर- कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही एशिया की यह अपनी तरह की पहली सुरंग है. इस सुरंग का 40 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.
हाल ही में सुरंग के निर्माण कार्य का जायजा लेने पहुंचे केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जोजिला सुरंग का निर्माण कार्य साल 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा. यह सुरंग आम जनता और पर्यटकों के साथ ही सेना के लिए भी बहुत अहम है. साल भर लद्दाख के सड़क मार्ग से देश से जुड़े रहने से सेना को भी चीन सीमा और सिचाचीन तक सैनिकों और साजोसामान पहुंचाने में दिक्कत नहीं होग
साढ़े 3 घंटे का सफर 15 मिनट में
इस समय श्रीनगर से लेह जाने में 10 घंटे लगते हैं. सिर्फ जोजिला दर्रे को पार करने में ही तीन से साढ़े तीन घंटे लगते हैं. जोजिला दर्रा बहुत खतरनाक है. इस रास्ते पर तीखे मोड़ और खतरनाक ढलान है. इसी वजह से यहां दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं. जोजिला सुरंग बनने से जोजिला दर्रे को पार करने में बस 15 मिनट ही लगेंगे. साथ ही दुर्घटना होने का खतरा भी नहीं रहेगा. अभी बालटाल से मीनामार्ग की दूरी 40 किलोमीटर है. सुरंग बनने यह केवल 13 किलोमीटर रह जाएगी.
यहां बन रही है सुरंग
जोजिला सुरंग कश्मीर के गांदेरबल जिले में बालटाल को लद्दाख में करगिल जिले के द्रास कस्बे के मिनीमार्ग को जोड़ेगी. सोनमर्ग से मिनीमार्ग तक इस परियोजना की कुल लंबाई 31 किलोमीटर है. सोनमर्ग से बालटाल तक 18 किलोमीटर लंबा मार्ग है. यह Z मोड़ सुरंग से शुरू होता है और जोजिला टनल तक जाता है. जोजिला सुरंग बालटाल से शुरू होती है और मिनीमर्ग तक जाती है. सुरंग की कुल लंबाई 13 किलोमीटर है.
ये हैं खासियतें
सुरंग के भीतर रोड के दोनों तरफ, हर 750 मीटर पर इमर्जेंसी ले-बाई बनाए जाएंगे. हर 125 मीटर की दूरी पर इमर्जेंसी कॉल करने की सुविधा होगी. सुरंग में ऑटोमेटिक फायर डिटेक्शन सिस्टम तो लगेगा ही साथ ही मैनुअल फायर अलार्म बटन भी होगा. सुरंग की दीवारों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.