Zakia Jafri : बोलें शाह-श्गोधरा कांड के बाद सेना बुलाने में गुजरात सरकार ने नहीं की थी देर

नई दिल्ली। Zakia Jafri : बोलें शाह-श्गोधरा कांड के बाद सेना बुलाने में गुजरात सरकार ने नहीं की थी देर… 2002 के गुजरात दंगे से जुड़े जकिया जाफरी केस को सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार को खारिज करने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने साफ कहा कि गोधरा दंगों के बाद तत्कालीन गुजरात सरकार ने सेना बुलाने में कोई देर नहीं की थी, जबकि 1984 के दंगों के वक्त कांग्रेस सरकार ने तीन दिन बाद सेना तैनात की थी। केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने शनिवार को न्यूज एजेंसी एएनआई की पत्रकार स्मिता प्रकाश से चर्चा में यह बात कही। गृह मंत्री ने गुजरात दंगों को लेकर जकिया जाफरी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर संतोष जताया।
Zakia Jafri : 1984 में कांग्रेस ने तीन दिन बाद लगाई थी आर्मी
शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया। पीएम मोदी पर गलत आरोप लगाए गए थे। अमित शाह ने कहा कि 2002 में हुए गोधरा कांड व उसके बाद हुए दंगों के दौरान हालात से निपटने के लिए सेना बुलाने में गुजरात सरकार की ओर से कोई देर नहीं की गई थी। पंजाब के पूर्व डीजीपी केपीएस गिल ने भी गुजरात सरकार के फैसले को त्वरित व तटस्थ बताया था।
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कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगों में इतने सिख मारे गए, लेकिन तीन दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, लेकिन गुजरात सरकार ने किसी बात में देरी नहीं की। शाह ने कहा कि जब गुजरात बंद का आह्वान किया गया तभी हमने सेना बुला ली थी। सेना को पहुंचने में कुछ समय लगता है, लेकिन गुजरात सरकार ने एक दिन की भी देरी नहीं की। इसकी तारीफ कोर्ट ने भी की है।
Zakia Jafri : इसकी तारीफ कोर्ट ने भी की है
बता दें, गुजरात दंगों के दौरान मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने एसआईटी की उस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें राज्य के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी व अन्य को क्लीनचिट दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जकिया की याचिका खारिज कर दी। गृह मंत्री शाह ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि सेना मुख्यालय दिल्ली में है और शहर में बड़ी संख्या में सैनिक मौजूद रहते हैं।
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लेकिन 1984 में कई सिख मारे गए, फिर भी तीन दिनों तक कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने कुछ नहीं किया। उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस बताए तब कितने विशेष जांच दल ैप्ज् गठित किए गए थे? कितनों को गिरफ्तार किया गया था? लेकिन केंद्र में सरकार आने के बाद हमने 84 के दंगों को लेकर एक एसआईटी बनाया। गृहमंत्री ने कहा कि मैं साक्षी हूं, गुजरात दंगों के वक्त पीएम मोदी ने हालात काबू में करने के लिए सब कुछ किया।
Zakia Jafri : देश के किसी सीएम ने हालात से निपटने के लिए इतने सख्त कदम नहीं उठाए होंगे
देश के किसी सीएम ने हालात से निपटने के लिए इतने सख्त कदम नहीं उठाए होंगे। शाह ने कहा कि एक पुलिस स्टेशन में 100-150 पुलिसकर्मी हैं, अगर हम अतिरिक्त बल लगाते हैं, तो यह केवल 400 के बराबर होता है। यदि लगभग दो लाख लोगों की भीड़ होती है तो राज्य में स्थिति को नियंत्रित करने में समय लगता है। गुजरात दंगों में दंगों को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज, फायरिंग आदि सहित हर कार्रवाई की गई, गोलीबारी में 900 लोग मारे गए।
उन्होंने केपीएस गिल की टिप्पणी का उल्लेख किया, जिन्हें पंजाब में आतंकवाद को समाप्त करने का श्रेय दिया जाता है। शाह ने कहा कि सरकार को दंगों जैसी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए व्यवस्था करने में समय लगता है। उस समय गुजरात में मोदी सरकार की मदद के लिए गिल भी आए थे। उन्होंने खुद मुझे बताया कि उन्होंने अपने पूरे जीवन में ऐसा त्वरित और तटस्थ कार्य नहीं देखा था। हालांकि, गिल के खिलाफ भी आरोप लगाए गए थे।