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आत्‍महत्‍या (suicide cases)के मामलों को रोकने में आप भी निभा सकते हैं अहम भूमिका

सुसाइड की वजह: विशेषज्ञों का मानना है कि आत्‍महत्‍या करने की सोच मानसिक बीमारी नहीं बल्कि मेंटल डिसऑर्डर (suicide cases) कहा जा सकता है. इससे बचाव संभव है और सही समय पर काउंसिलिंग इंसान की मानसिक दशा को बेहतर बनाने में काफी मदद कर सकती है. जरूरी है कि परिवार और दोस्‍त इंसान के बिहेवियर या उसके हाव-भाव पर नजर रखें और उसकी मानसिक दशा को बेहतर बनाने का प्रयास करें. कई बार ऐसे लोग खुद को कमरे में बंद कर लेते हैं और धीरे धीरे अपनी सोशल एक्टिविटीज़ से भी दूरी बनाने लगते हैं. वेबएमडी की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ संकेतों से सुसाइडल बिहेवियर के लक्षणों को पहचाना जा सकता है और किसी बुरी दुर्घटना के पहले इंसान को बचाया जा सकता है.

इस तरह पहचानें आत्‍महत्‍या के लक्षण
गंभीर उदासी: लंबे समय तक चलने वाली उदासी, मूड स्‍विंग, खराब मिजाज और अचानक से गुस्सा करना सुसाइडल टेन्‍डेंसी का लक्षण हो सकता है.

जरूरत से अधिक निराशा: भविष्य को लेकर जरूरत से अधिक निराशा महसूस होना कई बार सुसाइड का लक्षण बन जाता है.
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नींद की समस्या: अगर इंसान दिन रात सो नहीं पा रहा और हर वक्‍त बेचैनी अनुभव कर रहा है तो हो सकता है कि वह मानसिक रूप से बहुत अधिक परेशान हो और खुद की जान लेने के बारे में सोच रहा हो.

एकाएक शांत हो जाना: अगर इंसान अवसाद या मूडी व्‍यवहार के बाद अचानक शांत हो जाए तो ये एक संकेत हो सकता है कि वह अपने जीवन को समाप्त करने के बारे में सोच रहा है.

दूर चले जाना: अगर इंसान अकेले रहने लगे या दोस्तों व सामाजिक गतिविधियों से दूरी बना रहा हो तो यह अवसाद के लक्षण हैं जो आत्महत्या का एक प्रमुख कारण हो सकता है. ऐसी दशा में वह अपने उन दोस्‍तों से भी नहीं मिलना चाहता जो उसका करीबी रहा है.

पर्सनैलिटी या हावभाव में अंतर: ऐसे लोगों की चाल ढाल, अपीयरेंस, बातचीत करने का तरीका बदलने लगता है. मसलन, धीमी गति से बोलना या चलना, कम बात करना, चुपचाप रहना आदि.

खुद को नुकसान पहुंचाना: अगर इंसान खतरनाक तरीके से ड्राइव कर रहा है या नशीली चीजों का सेवन कर रहा है या कुछ ऐसा काम कर रहा है जो उसको नुकसान पहुचा सकता है, यह एक खतरनाक संकेत हो सकता है.

ट्रामा या लाइफ क्राइसेस सिचुएशन: अगर हाल में वह किसी ऐसे दुर्घटना से गुजरा है जिसमें किसी प्रियजन या पालतू जानवर की मृत्यु हो गई हो या वह एक बड़ी बीमारी का इलाज करा रहा हो या नौकरी छूट गई हो या गंभीर वित्तीय समस्या से गुजर रहा हो.

एकाएक अपना काम पूरा करने लगे: अक्सर, आत्महत्या पर विचार करने वाला व्यक्ति अपने निजी कामों को पूरा करने लगे तो हो सकता है कि वह आत्‍महत्‍या करने की सोच रहा हो. दोस्तों और परिवार के सदस्यों से मिलना, निजी संपत्ति दान कर देना, वसीयत बनाना, कमरे या घर की सफाई करना आदि.

आत्महत्या की धमकी देना: आत्महत्या पर विचार करने वालों में से 50 से 75% लोग अपने किसी एक दोस्त या रिश्तेदार को इस बात की चेतावनी संकेत दे देते हैं.

ये हैं ऐसे लोगों की जान बचाने के उपाय
-डॉक्‍टर और थेरेपिस्‍ट से संपर्क करें.
-उसके डिप्रेशन की वजह पूछें.
-दवाओं के बारे में पूछें.
-आसपास रहें और अकेला ना छोड़ें.
– उसे मोटिवेट करें और सही रास्ता बताएं.
– उससे बातचीत करते रहें और अटेंशन दें.

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