Yogi Sarkar मंत्रीमंडल के लिए इन नामों पर लगी मोहर !!
Yogi Sarkar 2.0 की कैबिनेट युवा होगी। इसके पीछे 2 वजह है। खबर है कि 60 साल से ज्यादा उम्र वाले विधायकों को मंत्रिमंडल में इस बार शायद ही जगह मिले। दूसरा वजह है कि इस बार करीब 25 नए चेहरों पर पार्टी ने भरोसा जताया है। सरकार ने 10 मंत्री चुनाव हार चुके है। तीन पार्टी छोड़ कर जा चुके है। ऐसे में योगी की पहली सरकार के इन 13 मंत्रियों की जगह पर नए विधायकों को मौका मिलेगा। साथ ही इस बार का मंत्रिमंडल 2024 को ध्यान में रख कर बनाया जा रहा है, ऐसे में ओबीसी और दलित विधायकों की मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी बढ़ेगी। दिल्ली में गृहमंत्री शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य नेताओं के साथ योगी ने महामंथन किया।
MLC प्रत्याशियों के नाम पर लगी मुहर
यूपी में हुए विधानसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद की तैयारी शुरु हो गई है। 36 सीटों के लिए होने वाले इस स्थानीय एमएलसी चुनाव में नामांकन की तारीख को निर्वाचन आयोग ने 2 दिन बढ़ा दिया है। अब 21 मार्च तक नामांकन किए जा सकेंगे. नामांकन पत्रों के जांच और नाम वापसी की तारीख भी बदल दी गई है।
अब 22 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच एवं 24 मार्च तक नाम वापसी की जा सकती है। मतदान 9 अप्रैल और मतगणना 12 अप्रैल को होगी। समाजवादी पार्टी ने अपने पहले फेज के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है, इंतजार भाजपा की लिस्ट का है। खबर है कि दिल्ली में हुई बैठक में नामों पर मुहर लग गई है।जल्द ही लिस्ट भी जारी होगी।
योगी आदित्यनाथ अपने ऑफिस के स्टाफ के साथ। सहयोगी दलों को मंत्रिमंडल में तीन सीटें देने पर बनी सहमति बीजेपी ने इस बार अपने मंत्रिमंडल में सहयोगी दल निषाद पार्टी और अनुप्रिया पटेल की अपना दल को शामिल करने का फैसला किया है। सत्रों की माने तो दोनों सहयोगी दलों को मिलकार 3 सीटें दी जा सकती है। साथ ही में एमएलसी चुनाव में भी मौका मिल सकता है। इस बार निषाद पार्टी को 16 सीटें जबकि अपना दल को 17 सीटें दी थी।
निषाद पार्टी ने 16 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे और वह अपने सिंबल पर 6 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही। जबकि पांच सीटों पर निषाद पार्टी के प्रत्याशी बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़े थे और जीतने में कामयाब रहे। अपना दल एस 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमे से 12 सीटों पर चुनाव जीतकर बीएसपी और कांग्रेस से आगे निकल गई है। ऐसे में निषाद पार्टी को एक और अपना दल एस को 2 मंत्रालय मिल सकता है।
दिनेश शर्मा और केशव मौर्य की जगह नए डिप्टी CM
कहा जा रहा है कि दिनेश शर्मा के चुनाव न लड़ने और केशव प्रसाद मौर्य के चुनाव हारने के बाद डिप्टी सीएम के पद पर नए चेहरे सामने होंगे। एक चेहरा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह का, तो दूसरा बेबी रानी मौर्य का हो सकता है। जातीय संतुलन के लिए दिनेश शर्मा की जगह किसी दूसरे ब्राह्मण चेहरे को मौका देने की बात भी कही जा रही है।
15 पुराने मंत्रियों को फिर मिलेगी जगह
योगी कैबिनेट में करीब 15 पुराने मंत्रियों को जगह मिलना तय बताया जा रहा है। इनमें सबसे अहम नाम केशव प्रसाद मौर्य का है। उन्हें चुनाव हारने के बाद भी मंत्रिमंडल में लिया जा सकता है। इसके अलावा, सुरेश खन्ना, श्रीकांत शर्मा, बृजेश पाठक, सतीश महाना, सिद्धार्थ नाथ सिंह, सूर्य प्रताप शाही, आशुतोष टंडन, नंदकुमार नंदी, कपिल देव अग्रवाल, जतिन प्रसाद, रविंद्र जायसवाल, लक्ष्मीनारायण चौधरी, भूपेंद्र चौधरी, जय प्रताप सिंह और अनिल राजभर के नाम भी मंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं।
इन नए नामों पर लग सकती है मुहर
2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बार मंत्रिमंडल में जातीय के साथ क्षेत्रीय संतुलन भी साधा जाएगा। डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य के साथ ही 11 मंत्रियों के चुनाव हारने के कारण काफी संख्या में नए चेहरों को मौका मिलेगा। नई सरकार में शामिल होने वाले संभावित नामों में हरदोई के नितिन अग्रवाल, कायमगंज से विधायक डॉ. सुरभि, प्रयागराज की बारा सीट से विधायक वाचस्पति, इटावा से सरिता भदौरिया, मैनपुरी से जय वीर सिंह, मऊ से रामविलास चौहान, देवबंद से कुंवर ब्रजेश शामिल हैं।
रुदौली अयोध्या से रामचंद्र यादव तो कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू को हराने वाले फाजिलनगर से विधायक असीम राय, स्वामी प्रसाद मौर्य को शिकस्त देने वाले सुरेंद्र कुशवाहा और चिल्लूपार में विनय शंकर तिवारी को मात देने वाले राजेश त्रिपाठी को भी मौका मिल सकता है। इनके साथ ही पुलिस की नौकरी छोड़कर विधायक बने असीम अरुण तथा राजेश्वर सिंह में से किसी एक का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। गाजियाबाद के साहिबाबाद से रिकार्ड मतों से जीतने वाले विधायक सुनील शर्मा, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह के नाम की भी चर्चा है।
इन महिला चेहरों को मिल सकता है मौका
बलिया के बांसडीह में पहली बार भाजपा का खाता खुलवाने वाली और आठ बार के विधायक रहे रामगोविंद चौधरी को मात देने वाली केतकी सिंह को मौका मिल सकता है। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुईं रायबरेली सदर विधायक आदिति सिंह, सपा छोड़ भाजपा का दामन थामने वाली मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को भी मंत्री बनाया जा सकता है।इधर, हाथरस सीट से पहली बार विधायक बनी अंजुला सिंह माहौर की लॉटरी लग सकती है। फर्रुखाबाद से डॉक्टर सुरभि के साथ ही आगरा ग्रामीण की बेबी रानी मौर्य को तो डिप्टी CM बनाने की चर्चा है। वहीं अपर्णा को MLC बनाकर मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
सहयोगी दलों से इन 4 नामों की चर्चा
निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे श्रवण कुमार निषाद गोरखपुर की चौरी चौरा सीट से MLA बने हैं। वैसे तो संजय निषाद भी MLC हैं, लेकिन इस बात की संभावना जताई जा रही है कि वे अपने बेटे को मंत्री बनवाएंगे। इसके साथ ही अपना दल से MLC आशीष पटेल के अलावा एक और मंत्री अपना दल के कोटे से बनाए जा सकते हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा इस बार अपने सहयोगी दलों के कोटे से 4 मंत्री रख सकती है।