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केरल-तमिलनाडु में येलो अलर्ट(तमिलनाडु )

मौसम विज्ञान विभाग : दक्षिण मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत तमिलनाडु  (तमिलनाडु ) के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों में बारिश हुई, जिससे तापमान नीचे गिर गया, खासकर दिल्ली और पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में. हालांकि, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले कुछ दिनों के लिए देश के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में शुष्क मौसम की भविष्यवाणी की है, जबकि केरल और तमिलनाडु सहित दक्षिणी राज्यों में भारी बारिश होने की संभावना है. वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मौसम की बात करें तो मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक शुक्रवार से अधिकतम व न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होगी. हवाओं की दिशा भी बदलकर उत्तर-पश्चिम से उत्तर होगी.

विभाग का कहना है कि अगले 6 दिनों में दिल्ली का अधिकतम तापमान बढ़कर 33 डिग्री और न्यूनतम तापमान घटकर 17 डिग्री तक पहुंच सकता है. आज दिल्ली में आसमान साफ रहेगा. वहीं आज के मौसम की बात करें तो स्काईमेट वेदर की रिपोर्ट के मुताबिक आज अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश संभव है. केरल और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.

तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय कर्नाटक, तमिलनाडु, सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत में हल्की बारिश संभव है. 21 अक्टूबर को पश्चिमी राजस्थान में छिटपुट हल्की बारिश संभव है. अगले दो से तीन दिनों के लिए लक्षद्वीप, दक्षिण-पूर्व अरब सागर और मध्य अरब सागर में मछुआरों को चेतावनी दी गई है. केरल में बारिश का दौर जारी है, जिसके कारण आईएमडी को केरल और तमिलनाडु के विभिन्न जिलों में येलो अलर्ट जारी करना पड़ा. पूर्वानुमान में शुक्रवार तक अलग-अलग स्थानों पर बिजली चमकने के साथ आंधी और 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं शामिल हैं.

बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहे निम्न दबाव प्रणाली के कारण ओडिशा में दशहरा नम रहने की उम्मीद है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 23 और 24 अक्टूबर को बारिश की भविष्यवाणी की है. वहीं भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 15 अक्टूबर की सामान्य तारीख के चार दिन बाद 19 अक्टूबर को भारत से पूरी तरह वापस चला गया. यह सामान्य तिथि से आठ दिन बाद 25 सितंबर को देश से हटना शुरू हुआ था.

आमतौर पर, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 1 जून तक केरल में अपनी शुरुआत करता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है. यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से वापस जाना शुरू कर देता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है.

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