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खतरे के निशान से 63 सेमी ऊपर बह रही यमुना

नई दिल्ली । यमुना नदी (flowing) का खतरे का निशान 205.33 मीटर है और नदी का जलस्तर इस समय 205.99 मीटर है, जो खतरे के निशान (flowing) से 63 सेमी ज्यादा है। बाढ़ कंट्रोल बोर्ड ने कहा कि शुक्रवार दोपहर तीन बजे तक नदी का जलस्तर 205.99 मीटर था, जो शनिवार सुबह पांच बजे से अपरिवर्तित था।

करावल नगर के एसडीएम संजय सोंधी ने कहा कि उनके जिले के निचले इलाकों से 200 लोगों को ऊंचे स्थानों पर ले जाया गया है और गैर सरकारी संगठनों की मदद से उन्हें पीने का पानी, भोजन और अन्य आवश्यक चीजें उपलब्ध कराई गई हैं।

उसने कहा है कि ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद नदी शुक्रवार शाम चार बजे के करीब 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गई थी, जिसके बाद अधिकारियों को निचले इलाकों से लोगों को निकालना पड़ा।उन्होंने कहा कि बाढ़ के मैदानों के निचले इलाकों से निकाले गए लोगों को तंबुओं जैसे अस्थायी ढांचे और सुरक्षित क्षेत्रों में, जैसे स्कूलों के स्थायी भवनों में स्थानांतरित किया जा रहा है।

दिल्ली बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने सुबह छह बजे हथिनीकुंड बैराज से लगभग 17,000 क्यूसेक पानी छोड़ने की सूचना दी। शनिवार को दोपहर 1 बजे 1.49 लाख क्यूसेक और गुरुवार को दोपहर 3 बजे 2.21 लाख क्यूसेक पानी था। एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकेंड के बरबर होता है।

पूर्वानुमान में कहा गया है कि जलस्तर शाम छह बजे के आसपास 206 मीटर तक पहुंच सकता है, जो शाम 7 बजे तक स्थिर रहेगा और उसके बाद कम होना शुरू हो जाएगा। पूर्वी दिल्ली के उप मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) आमोद बर्थवाल ने कहा कि नदी के करीब निचले इलाकों में रहने वाले 13,000 लोगों में से करीब 5,000 लोगों को राष्ट्रमंडल खेल गांव, हाथी घाट और लिंक रोड पर बने तंबुओं में ले जाया गया है।

दिल्ली में बाढ़ की चेतावनी तब घोषित की जाती है जब हरियाणा के यमुना नगर में हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने की दर एक लाख क्यूसेक के निशान को पार कर जाती है और तब बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को वहां से निकाल लिया जाता है।

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