main slideदिल्लीप्रमुख ख़बरेंबडी खबरेंब्रेकिंग न्यूज़राज्यराष्ट्रीय

Wrong Information : मीडिया चला रहा कंगारू कोर्ट: सीजेआई, जाने क्या है मामला…

रांची। Wrong Information : मीडिया चला रहा कंगारू कोर्ट: सीजेआई, जाने क्या है मामला… सीजेआई एनवी रमण शनिवार को अपने एक दिवसीय दौरे पर झारखंड पहुंचे। यहां एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने मीडिया को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, हम देख रहे हैं कि मीडिया कंगारू कोर्ट चला रहे हैं। इसके चलते कई बार तो अनुभवी न्यायाधीशों को भी सही और गलत का फैसला करना मुश्किल हो जाता है।

Wrong Information :  रमण बोले: प्रिंट की तुलना में इलेक्ट्रानिक मीडिया जवाबदेह नहीं

उन्होंने कहा, कई न्यायिक मुद्दों पर गलत सूचना और एजेंडा चलाना लोकतंत्र के लिए हानिकारक साबित हो रहा है। सीजेआई ने कहा, हम अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते। यह प्रवृत्ति हमें दो कदम पीछे ले जा रही है। प्रिंट मीडिया में अभी भी कुछ हद तक जवाबदेही है, लेकिन इलेक्ट्रानिक मीडिया की कोई जवाबदेही नहीं बची है।

Wrong Information : वास्तविकता से नहीं मूंद सकते आंखे

वर्तमान समय की न्यायपालिका के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक निर्णय के लिए मामलों को प्राथमिकता देना है। सीजेआई रमण ने कहा, न्यायाधीश सामाजिक वास्तविकताओं से आंखे नहीं मूंद सकते हैं। उन्होंने कहा, न्यायाधीशों को समाज को बचाने और संघर्षों को टालने के लिए ज्यादा दबाव वाले मामलों को प्राथमिकता देना होगा।

Wrong Information :  न्यायिक ढांचे को सुधारने की वकालत

सीजेआई ने कहा, लोग अक्सर भारतीय न्यायिक प्रक्रिया में लंबे समय से लंबित मामलों की शिकायत करते हैं। कई मौकों पर खुद मैंने लंबित मामलों के मुद्दों को उजागर किया है। मैं न्यायाधीशों को उनकी पूरी क्षमता से कार्य करने में सक्षम बनाने के लिए भौतिक और व्यक्तिगत दोनों तरह के बुनियादी ढांचे को सुधारने की आवश्यकता की पुरजोर वकालत करता हूं। उन्होंने कहा, लोगों ने एक गलत धारणा बना ली है कि न्यायाधीशों का जीवन बहुत आसान है। इस बात को निगलना काफी मुश्किल है।

भारत के 48वें सीजेआई हैं जस्टिस रमना

27 अगस्त, 1957 को कृष्णा जिले के पोन्नावरम गांव में एक किसान परिवार में जन्मे जस्टिस एनवी रमना ने 24 अप्रैल 2021 को भारत के 48वें चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ ली थी। वे हैदराबाद में सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में केंद्र सरकार के वकील और रेलवे के वकील भी रहे हैं।

Farmer disappointed : किसान निराश, भूखा या गरीब नहीं है….

वे आंध्र प्रदेश के एडिशनल सालिसिटर जनरल भी रहे हैं। उन्होंने 10 मार्च, 2013 से 20 मई, 2013 तक आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के एग्जीक्यूटिव चीफ जस्टिस के रूप में काम किया। उन्हें 27 जून, 2000 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में परमानेंट जज अपाइंट किया गया था।

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button