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पहलवानों का धरना जारी, खेल मंत्रालय ने 72 घंटे (72 hours)में मांगा है जवाब

नई​ दिल्ली: विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक समेत देश के शीर्ष पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है और उन्हें पद से हटाने की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्रीय खेल मंत्रालय ने इसका संज्ञान लिया है और भारतीय कुश्ती महासंघ से 72 घंटों के भीतर जवाब मांगा है. मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, ‘दिल्ली में ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं सहित अन्य पहलवानों द्वारा किए गए विरोध और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का संज्ञान लेते हुए, जिसमें पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोचों पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं और महासंघ के कामकाज में कुप्रबंधन का हवाला दिया है, खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई से स्पष्टीकरण मांगा है और उसे रेसलर्स की ओर से लगाए गए आरोपों पर अगले 72 घंटों (72 hours) के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है.’ बृजभूषण शरण सिंह यूपी के कैसरगंज सीट से बीजेपी के सांसद हैं

खेल मंत्रालय ने यह भी कहा कि ‘चूंकि मामला एथलीटों की भलाई से संबंधित है, इसलिए मंत्रालय ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है.’ यदि डब्ल्यूएफआई निर्धारित समय के भीतर जवाब देने में विफल रहता है, तो खेल मंत्रालय ने कहा कि वह राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के प्रावधानों के अनुसार महासंघ के खिलाफ आगे की कार्रवाई शुरू करेगा. मंत्रालय ने यह भी उल्लेख किया कि 18 जनवरी से शुरू होने वाला राष्ट्रीय कुश्ती शिविर फिलहाल रद्द कर दिया गया है. खेल मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ’18 जनवरी, 2023 से लखनऊ में भारतीय खेल प्राधिकरण के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (NCOE) में 41 पहलवानों और 13 प्रशिक्षकों और सहायक कर्मचारियों के साथ शुरू होने वाला महिला राष्ट्रीय कुश्ती प्रशिक्षण शिविर रद्द कर दिया गया है. एनसीओई लखनऊ के कार्यकारी निदेशक को निर्देशित किया गया है कि वह उन सभी खिलाड़ियों को सुविधाएं प्रदान करें, जो पहले से ही रिपोर्ट कर चुके हैं या जिनके रिपोर्ट करने की संभावना है, जब तक कि एथलीट वहां से प्रस्थान नहीं कर लेते. सभी एथलीट्स को राष्ट्रीय कोचिंग शिविर रद्द करने के संबंध में आवश्यक सूचना भी भेज दी गई है.’

विनेश फोगाट ने की प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से हस्तक्षेप की मांग
विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता और मशहूर रेसलर विनेश फोगाट ने आरोप लगाया कि डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह कई वर्षों से महिला पहलवानों का यौन शोषण कर रहे हैं और उन्हें हटाने के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के हस्तक्षेप की मांग की. फोगट ने स्पष्ट किया कि उन्होंने खुद इस तरह के शोषण का सामना नहीं किया है, लेकिन दावा किया कि उन्हें डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के कहने पर जान से मारने की धमकी मिली थी. बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक समेत अन्य रेसलर्स के साथ दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरने पर बैठीं विनेश फोगाट ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, ‘मैं कम से कम 10-12 महिला पहलवानों को जानती हूं जिन्होंने मुझे WFI अध्यक्ष के हाथों हुए यौन शोषण के बारे में बताया है. उन्होंने मुझे अपनी कहानियां सुनाईं. मैं अभी उनका नाम नहीं ले सकती, लेकिन मैं निश्चित रूप से नामों का खुलासा कर सकता हूं, अगर हम प्रधानमंत्री और देश के गृह मंत्री से मिलते हैं.’

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक समेत भारत के शीर्ष पहलवानों की तरह पर अपने ऊपर लगाए जा रहे आरोपों को रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने खारिज किया है. उन्होंने कहा,’मेरे खिलाफ पहलवानों के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. अगर यौन उत्पीड़न का एक मामला भी साबित हो जाता तो मैं फांसी के लिए तैयार हूं.’ उन्होंने कहा, ‘मुद्दे तब सामने आते हैं जब नए नियम और विनियम लाए जाते हैं. जहां तक इन खिलाड़ियों का सवाल है, ये ओलंपिक पदक विजेता हैं. उसमें हमारा भी सहयोग है. ओलंपिक के बाद इन्होंने एक भी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया और सरकार की सभी स्कीमों का फायदा ले रहे हैं.’

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बृजभूषण शरण सिंह ने आरोपों पर सफाई देते हुए कहा, ‘जब राष्ट्रीय प्रतियोगिता की बात आती है तो इनकी तबीयत खराब हो जाती है. अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में इनकी तबीयत ठीक हो जाती है. अभी फेडरेशन ने निर्णय लिया कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट का विजेता हो, उसे नेशनल खेलना होगा. अगर वे बीमार हैं, तो मेडिकल सर्टिफिकेट दें. फेडरेशन के इस निर्णय से सरकार को अवगत करा दिया गया था. जो लोग नेशनल लड़ कर आ रहे हैं अगर हम उन्हें बाहर कर देंगे और जो नेशनल लड़ कर नहीं आ रहे हैं, उन्हें कैंप में ले लेंगे तो दूसरों के साथ अन्याय होगा. यही पॉलिसी इन्हें पसंद नहीं आई.’

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