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भारतीय वायुसेना की मदद लेकर 119 रेल यात्रियों(passengers) को बचाया

नई दिल्लीः असम में मूसलाधार बारिश और बाढ़ कहर बरपा रही है. तूफानी बारिश की वजह से राज्य में भारी तबाही हुई हैं. अधिकारियों के मुताबिक, 57 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. सबसे बुरा असर कछार जिले पर पड़ा है. करीब 12 गांवों में लैंडस्लाइड हुए हैं. अब तक तीन लोगों की मौत और तीन लोगों के लापता होने की खबर है. कई जगह सड़कें बह गई हैं. पटरियां पानी में डूब गई हैं. कई ट्रेनें बीच रास्ते में अटक गईं. यात्रियों (passengers)को निकालने के लिए वायुसेना की मदद लेनी पड़ी है. सेना को भी राहत और बचाव में लगाया गया है. आईए एक नज़र डालते हैं अब तक के 10 बड़े अपडेट्स पर…

समाचार एजेंसी एएनआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि असम से सात जिलों में लगभग 57 हजार से ज्यादा लोग मूसलाधार बारिश की वजह से प्रभावित हुए हैं. 15 रेवेन्यू सर्कल में 222 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं. 10 हजार हेक्टेयर से ज्यादा की फसल पानी में डूब गई है.
असम के होजाई, लखीमपुर और नौगांव जिले में सड़कों, पुलों और नहरों को नुकसान पहुंचा है. बाढ़ की वजह से हजारों जानवर भी प्रभावित हुए हैं. 200 से ज्यादा घरों को अब तक नुकसान होने की खबरें हैं.
बराक वैली से रेल और रोड संपर्क को भारी नुकसान पहुंचा है. 76 किलोमीटर के स्ट्रेच में 26 जगहों पर पटरियां और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं. 17 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है. दो ट्रेनें सस्पेंड की गई हैं. इससे हजारों यात्री जहां-तहां फंस गए. बसों और वायुसेना के हेलिकॉप्टरों की मदद से उन्हें निकाला जा रहा है.
कछार इलाके में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से सिलचर-गुवाहाटी एक्सप्रेस बीच रास्ते में ही अटक गई थी. यात्री घंटों तक फंसे रहे. दितोकचेरा रेलवे स्टेशन पर भी भूस्खलन और बाढ़ में बहुत से यात्री घिर गए.
सिलचर में जिला प्रशासन ने भारतीय वायुसेना की मदद लेकर 119 रेल यात्रियों को बचाया. रेलवे ने बयान में बताया कि दितोकचेरा स्टेशन पर फंसे लगभग 1,245 रेल यात्रियों को सुरक्षित निकालकर बदरपुर और सिलचर लाया गया.
असम के कछार जिले में बारिश और बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है. ASDMA के हवाले से TOI ने बताया है कि जिले के 138 गांवों में 41 हजार से ज्यादा लोग बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ की चपेट में आए 1685 लोगों ने रिलीफ कैंपों में शरण ली है. जिले की 2 हजार से ज्यादा एकड़ में फसल को भी नुकसान पहुंचा है.
असम के नगांव जिले के कामपुर में भी बाढ़ का पानी घुसने से हालात बिगड़ गए हैं. कोपली नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. यह 20 जुलाई 2004 के अपने उच्चतम स्तर 61.79 मीटर को भी पार कर गया है.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के सीईओ जीडी त्रिपाठी ने बताया कि बारिश और बाढ़ के कारण नुकसान की रिपोर्ट्स जिलों से मंगवाई जा रही हैं. दीमा हसाओ के अलावा पांच अन्य जिलों से भी बाढ़ की खबर है. हालांकि वहां पर हालात बहुत बुरे नहीं हैं.
ASDMA के मुताबिक, बाढ़ और बारिश से तबाही को देखते हुए दो जिलों में दस राहत शिविर लगाए गए हैं. इनमें 227 से ज्यादा लोगों ने शरण ले रखी हैं. बाकी लोगों को भी बचाकर यहां लाया जा रहा है.
राज्य के बारिश और बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को मदद और बचाव कार्यों में सेना और अर्धसैनिक बलों को भी लगाया गया है. इसके अलावा राज्य आपदा नियंत्रण विभाग, दमकल और इमरजेंसी सेवाओं के सैकड़ों कर्मचारी भी दिन रात जुटे हुए हैं.

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