12 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ बिजली संयंत्रों में 25.6 मिलियन टन कोयला, की जा रही है निगरानी
नई दिल्ली। समुचित कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये कोयला, बिजली और रेल मंत्रालय करीबी तालमेल के साथ काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार के कोयला मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि बिजली और रेल मंत्रालय के सहयोग से बिजली क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये उसकी नियमित निगरानी की जा रही है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप 31 अक्टूबर के अनुसार स्वदेशी कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों में कोयला का अंतिम भंडारण 25.6 मिलियन टन दर्ज किया गया, जो कोविड वर्ष 2020-21 को छोड़कर अब तक के अक्टूबर माह में सबसे अधिक भंडारण है।
कोयला मंत्रालय के बता दे बिजली क्षेत्र को स्वदेशी कोयला आपूर्ति पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है, जो किसी भी वित्तवर्ष के पहले सात महीनों में बिजली सेक्टर को होने वाली सर्वाधिक कोयला आपूर्ति है। कोल इंडिया लिमिटेड के मद्देनजर कुल स्वदेशी कोयला उत्पादन पिछले वर्ष की समान अवधि से 18 प्रतिशत अधिक है। इस तरह इसमें 17.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
कोयला मंत्रालय का कहना है कि पहले सात महीनों में कैप्टिव कोयला ब्लॉकों ने 58.6 एमटी कोयले का उत्पादन किया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि से 37.5 प्रतिशत अधिक है। सीआईएल के सभी स्रोतों से बिजली सेक्टर को कोयला पहुंचाने के लिये स्वदेशी कोयला ले जाने वाली मालगाडिय़ों की कुल संख्या (रेक) अब तक की सबसे अधिक रही। इस दौरान प्रतिदिन 296.5 रेक रवाना हुईं, जो पिछले वर्ष की समान अवधि से 19 प्रतिशत अधिक है।
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कोयला उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लक्ष्य के साथ कोयला मंत्रालय ने हाल ही में 141 नये ब्लॉकों को वाणिज्यिक नीलामी के लिये पेश किया। मंत्रालय, राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों के साथ करीबी तालमेल बना रही है, जिसके तहत पूर्व में नीलाम हुये ब्लॉक जल्द शुरू हो जाएं।
मंत्रालय पीएम-गतिशक्ति के तहत सभी प्रमुख खानों के लिये रेल कनेक्टीविटी बढ़ाने के कदम उठा रही है, ताकि कोयला तेजी से निकाला जा सके। कोयला मंत्रालय बिजली क्षेत्र को कोयले की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्ध है।