
जयपुर । राजस्थान (winter’s entry) में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इसके साथ ही सर्दी की एंट्री 1 महीने पहले अक्टूबर में ही हो जाएगी। माउंट आबू, चूरू, पिलानी, सीकर समेत कई हिस्सों में तापमान माइनस में चला जाता है। इसके अलावा गंगानगर, हनुमानगढ़, भरतपुर एरिया में इन महीने में अधिकांश जगह घना कोहरा (winter’s entry) भी देखने को मिलता है।
ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि नवंबर के पहले-दूसरे सप्ताह तक सर्द होने वाली रातें इस बार 10 से 15 अक्टूबर के बीच शुरू होने की संभावना है। सर्दी भी सामान्य 120 दिन की जगह 150 दिन तक रहेगी। दरअसल, इसके पीछे सबसे बड़ा कारण मानसून बताया जा रहा है।
मौसम वैज्ञानिक डॉ. डीपी दुबे के अनुसार बंगाल की खाड़ी में 8 सितम्बर से एक नया सिस्टम एक्टिव हो रहा है, जिसके असर से मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान के एरिया में 12 सितंबर के आसपास रेन फॉल एक्टिविटी होगी। इस सिस्टम के बाद एक नया सिस्टम 14 सितंबर को फिर बनेगा। इस बार मानसून 20 सितंबर या उसके बाद तक एक्टिव रहेगा।
ऐस में विंड पैटर्न जैसे-जैसे बदलेगा मानसून की विदाई देरी से होगी। लंबे समय तक मानसून के एक्टिव रहने चलते वातावरण में नमी रहेगी और उससे ठंडक भी बनी रहेगी। यह अक्टूबर के मध्य से रहेगी। इससे सुबह-शाम ठंडक रहती है। इसके अलावा विंड पैर्टन भी अक्टूबर में बदलने लगता है और यह नॉर्थ वेस्ट या नॉर्थ साउथ होने लगता है।
इससे अफगानिस्तान, जम्मू-कश्मीर से ठंडी हवाएं चलनी शुरू हो जाती है। इस तरह मानसून इस बार भी देर तक एक्टिव रहने की संभावना है। उन्होंने बताया कि मानसून जितना देरी तक एक्टिव रहता है, उतनी ही संभावना रहती है सर्दी जल्दी आएगी। क्योंकि वातावरण में नमी देर तक रहती है।