बिहार से बहेगी विपक्षी एकता (opposition unity )की बयार?
पटना. बिहार में जातिगत जनगणना पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. वहीं इसी बीच बिहार और देश की सियासत से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार ने बीजेपी विरोधी एकता (opposition unity ) को लेकर शरद पवार और उद्धव ठाकरे को पटना आने का निमंत्रण दिया है. सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं ने निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. बताया जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव के बाद पटना में विरोधी दलों की बड़ी बैठक हो सकती है, जिसमें कई नेता शामिल हो सकते हैं.
दरअसल सूत्र बताते हैं कि ये पूरा मामला तब सामने आया जब बिहार विधान परिषद के सभापति और नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले देवेश चन्द्र ठाकुर ने मुंबई में एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाक़ात की और उन्हें नीतीश कुमार के तरफ़ से निमंत्रण का संदेश दिया. दरअसल नीतीश कुमार लगातार इस प्रयास में लगे हुए हैं कि बीजेपी के खिलाफ एक बड़ा मोर्चा बनाया जाए जिससे बीजेपी को 2024 में टक्कर दिया जा सके.
इसी सिलसिले में नीतीश कुमार ने कुछ दिन पहले ही ममता बनर्जी और अखिलेश यादव के साथ साथ राहुल गांधी से मुलाकात की थी. नीतीश कुमार से मुलाकात के दौरान ममता बनर्जी आग्रह किया था कि वह पटना में ही बीजेपी विरोधी नेताओं की एक बैठक बुलाए जिसके बाद नीतीश कुमार लगातार इस प्रयास में लगे हुए है और शरद पवार और उद्धव ठाकरे को निमंत्रण देना भी इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है. बैठक कब होगी इस बारे में अभी तारीख़ तय नहीं हुई है. लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि कर्नाटक चुनाव के बाद बीजेपी विरोधी नेताओ की बड़ी बैठक पटना में हो सकती है और अंदर ही अंदर इसकी तैयारी तेजी से चल रही है.
खबर है कि बहुत जल्द नीतीश कुमार उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी मुलाकात कर सकते हैं. वहीं गुरुवार को नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए साफ-साफ लफ्जों में फिर से कहा कि उनकी कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा प्रधानमंत्री बनने की नहीं है, बल्कि वह केवल विपक्षी एकजुटता को मजबूत करने की प्रयास में लगे हुए हैं.